Chhath Puja 2021: छठ पर्व आज से, पटना के घाटों पर तैनात रहेंगे 316 पुलिस अफसर, 1700 जवान और 587 मजिस्ट्रेट
Chhath Puja 2021: घाटों पर तैयारियों से जुड़ा 90% तक काम पूरा हो चुका है. शेष बचे काम सोमवार शाम तक पूरे हो जायेंगे. ज्यादातर घाटों पर एप्रोच रोड बन चुका है. हालांकि, कलेक्ट्रिएट घाट तक जाने के लिए बांस घाट से होकर जाना होगा.
पटना. चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ होगी. छठ व्रती स्नान करके नये कपड़े पहनेंगे और सादा भोजन करेंगे. इधर छठ को लेकर जिले के गंगा घाट तेजी से तैयार किये जा रहे हैं. घाटों पर तैयारियों से जुड़ा 90% तक काम पूरा हो चुका है. शेष बचे काम सोमवार शाम तक पूरे हो जायेंगे. ज्यादातर घाटों पर एप्रोच रोड बन चुका है. हालांकि, कलेक्ट्रिएट घाट तक जाने के लिए बांस घाट से होकर जाना होगा.
इसके लिए एप्रोच रोड बनाने का काम अभी चल रहा है. जिले में 96 घाटों पर छठ पूजा की जायेगी. इसके लिए प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की गयी हैं. छठ घाटों को 21 सेक्टरों में बांट कर प्रशासन ने मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. छठ घाटों और उसके आसपास 587 मजिस्ट्रेट, 316 पुलिस पदाधिकारी और 1700 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. गंगा में छठ के दौरान निजी नावें नहीं चलेंगी. व्रतियों की सुविधा के लिए घाटों पर शौचालय, यूरिनल, चेंजिंग रूम, पेयजल समेत सभी जरूरी चीजों की व्यवस्था की जा रही है.
मंगलवार को खरना पूजा
मंगलवार को खरना पूजा होगी. इसमें शाम को रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाया जायेगा. इसके साथ ही प्रसाद में खीर और ठेकुआ भी होगा. कुछ व्रती फल-सब्जियों से भी पूजा करती हैं. छठी मइया को मालपुआ, सूजी का हलवा, चावल के लड्डू, खजूर आदि का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 32 मिनट पर और सूर्यास्त शाम पांच बजकर 28 मिनट पर होगा. छठ करने वाले श्रद्धालु पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाकर खायेंगे.
बुधवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ
छठ महापर्व के तीसरे दिन यानी बुधवार की शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. इस दिन छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी और शाम को छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ देंगी.
गुरुवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ
चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन गुरुवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ देने के साथ होगा. अर्घ देने के बाद व्रती घाट पर बैठ कर विधिवत तरीके से पूजा करेंगी. फिर आसपास के लोगों को प्रसाद दिया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha