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Chhath 2021: गलती से भी पटना के गंगा घाटों पर ना करें ये चूक, इस बार जलस्तर के कारण अधिक है खतरा

पटना के घाटों पर इसबार नदी का जलस्तर प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. गंगा में करंट अभी भी तेज है. वहीं घाट पर उतरते ही थोड़ी ही दूरी पर डूबने लायक पानी का स्तर है. प्रशासन ने बांस-बल्ले से एरिया को घेरा है.

छठ पूजा के दौरान पटना जिला प्रशासन के लिए इस बार गंगा का जलस्तर भी चुनौती बना हुआ है. गंगा का जलस्तर लगातार घटा जरुर है लेकिन घाटों पर खतरा अभी टला नहीं है. पानी में उतरते ही थोड़ी ही दूरी पर डूबने लायक पानी है. प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है. साथ ही लगातार अपील की जा रही है कि किसी भी कीमत पर बांस-बल्ले से बने बैरिकेडिंग को पार ना करें. यह जानलेवा साबित हो सकता है.

छठ महापर्व के दौरान संभावित आपदा की रोकथाम और आपदाओं कम करने के लिए छठ घाटों पर पटना सहित विभिन्न जिलों में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के 1002 जवान तैनात रहेंगे. किसी भी आपदा की स्थिति से निबटने के लिए जवानों की टीम लगातार घाटों पर और घाटों के समीप मोटर वोट से निगरानी करती रहेगी.

आपदा विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सोमवार को सभी जिलों के डीएम को कहा कि छठ घाटों पर श्रद्धालुओं को समस्या न हो. पटना के घाटों पर बोट एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गयी है.वहीं, 13 घाटों पर मेडिकल टीम तैनात की गयी है. पटना में 400 एनडीआरफ और बाढ़, फतुहा, पुनपुन व दुल्हिन बाजार में 28 एसडीआरएफ की तैनाती की गयी है. वहीं, पटना सहित 30 जिलों के विभिन्न घाटों पर एसडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

एनडीआरएफ की ओर से एनआइटी घाट, दीघा घाट और गाय घाट में कंट्रोल रूम बनाया गया है. चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ अभय प्रकाश ने कहा कि इन जगहों पर चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रहेगी. एनडीआरएफ की ओर से रिवर एंबुलेंस की टीम भी तैनात रहेगी.

रिवर एंबुलेंस में ऑक्सीजन से लेकर मेडिकल किट और घाट पर बेड आदि भी लगाये गये हैं. एनडीआरएफ के डीसी कुमार बालचंद्र ने बताया कि एनडीआरएफ की 70 बोट और 400 रेसक्यूर्स लोगों की सुरक्षा को लेकर तैनात रहेंगे.

Published By: Thakur Shaktilochan

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