Chhath Puja: 5 नवंबर से शुरू हो रहे लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पटना के बाजार दौरा और सूप से साज चुके हैं. व्रतियों की सुविधा के लिए शहर के गंगा घाट और पार्कों में प्रशासन की तरफ से जोर -शोर से तैयारी की जा रही है. कई घाटों पर तो तैयारी पूरी हो चुकी है. वहीं कई घाटों पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
शहर के वंशी घाट से कृष्णा घाट तक काली घाट, कदंब घाट और पटना कॉलेज घाट पर लगभग 500 मीटर की लंबी पट्टी पर छठ पूजा की तैयारी की गई है. यह सभी पक्के घाट हैं और रिवर फ्रंट से जुड़े हुए हैं इस वजह से इन घाटों पर जाने में व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. इसके अलावा अशोक राजपथ से कई अन्य रास्ते भी इन घाटों पर जाते हैं. इन घाटों पर करीब 25000 हजार व्रती अर्ध्य दे सकेंगे. जिसमें सबसे अधिक क्षमता करीब 10000 कृष्णा घाट की है.
गंगा में पानी कम हो जाने की वजह से घाटों पर गंगा की धारा थोड़ी दूर चली गई है. ऐसे में घाट किनारे की जगह थोड़ी दलदलनुमा हो गई है, जिसे सैंड बैग लगाकर ठीक किया जा रहा है. इसके अलावा व्रतियों की सुरक्षा के लिए गंगा में बैरिकेडिंग लगाने का काम भी किया जा रहा है.
जिन घाटों पर दलदली भूमि है, उसे खोदकर निकाला जा रहा है और उस मिट्टी पर चटाई बिछाई जा रही है. इसके बाद उसके ऊपर रेत डाली जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने में असुविधा न हो, न ही उनके पैर दलदल में धंसें और न ही उन्हें फिसलन भरी मिट्टी का सामना करना पड़े.
कुछ घाट ऐसे भी हैं जो शहर से कुछ दूर हैं, इसलिए इन घाटों तक बिजली पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण काम है। लेकिन नगर निगम और बिजली विभाग ने मिलकर इन घाटों तक बिजली पहुंचा दी है। राजापुर पुल, कलेक्ट्रेट आदि घाटों पर लाइट लगाने का काम अंतिम चरण में है.
छठ को लेकर घाटों पर चेंजिंग रूम बनाने और कपड़े लगाने का काम भी जारी है. एक दो दिन में इसे पूरा कर लिया जाएगा. ताकि व्रत के दौरान दौरान लोगों को कपड़े बदलने में असुविधा न हो.
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान 5 नवंबर यानी मंगलवार को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. बुधवार यानी 6 नवंबर को लोहंडा (खरना) में व्रती पूरे दिन का उपवास कर शाम में भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी .
7 नवंबर गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. छठ महापर्व के चतुर्थ दिवसीय अनुष्ठान के अंतिम दिन शुक्रवार यानी 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ देकर आयु-आरोग्यता, यश, संपदा का आशीर्वाद लिया जायेगा.
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