Chhath Puja: पांच नवंबर से नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू हो रहा है. इसके लिए बाजार में खरीदारी शुरू हो गई है. राजधानी पटना में छठ पूजा के लिए सूप, दउरा, मिट्टी के चूल्हे, लकड़ी, नारियल आदि की बिक्री शुरू हो गई है. बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी है. लोग सूप, डाला, नारियल, मिट्टी के चूल्हे, आम की लकड़ी आदि समेत अन्य सामान खरीद रहे हैं. कदमकुआं, पीरमुहानी, कंकड़बाग, मीठापुर, बोरिंग रोड, बेली रोड, राजापुर पुल, पुलिस लाइन, चिरैयाटाड़ पुल, आर ब्लॉक, जीपीओ गोलंबर, राजीव नगर, पाटलिपुत्र कॉलोनी आदि इलाकों में छठ पूजा से संबंधित सामान की दुकानें लग गई हैं.
एमपी के गेहूं और भागलपुर के गुड़ से बनेगा प्रसाद
महापर्व छठ पर प्रसाद बनाने में गेहूं, चावल और गुड़ का विशेष महत्व है. किराना दुकानदारों ने बताया कि महापर्व छठ के लिए गेहूं विशेष रूप से मध्य प्रदेश से और गुड़ यूपी और सीतामढ़ी व भागलपुर से मंगाया गया है. बाजार में एमपी का गेहूं 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि मगही गुड़ (भागलपुर, पीरपैंती और सीतामढ़ी) 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि यूपी का गुड़ 50 रुपये किलो है. बिहार खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि बाजार में 50 फीसदी गुड़ पीरपैंती और सीतामढ़ी का है. वहीं, 50 फीसदी हिस्सेदारी भागलपुर और सीतामढ़ी की है.
बांस का सूप 50 से 100, तो दउरा 250 से 500 रुपये पीस
आर ब्लाक, जीपीओ गोलंबर, राजीव नगर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, कदमकुआं, पीरमुहानी, कंकड़बाग, मीठापुर, बोरिंग रोड, बेली रोड, राजापुर पुल, पुलिस लाइन, चिरैयाटाड़ पुल इलाके में बांस से बना सूप-दउरा पहुंचा है. रविवार को सूप-दउरा की खरीदारी के लिए लोगों की हल्की भीड़ दिखी. सूप-दउरा बेचनेवालों ने बताया कि बांस मंहगा होने के कारण इस बार सूप-दउरा के दाम में पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी तक इजाफा हुआ है. सरिता देवी ने बताया कि अलग साइज के हिसाब से सूप की कीमत 50 रुपए से लेकर 100 रुपये तक है. वहीं अलग-अलग साइज में दउरा 250 रुपये से लेकर 500 तक के हैं. नहाय-खाय के दिन ज्यादा सूप-दउरा की बिक्री होती है. वहीं दउरा विक्रेता अनिल चौधरी ने बताया कि असम, बंगाल से दउरा तो आता ही है. इसके अलावा कटिहार, पूर्णिया, फारबिसगंज से भी दउरा और सूप आता है.
पीतल में कस्टमाइज्ड सूप की डिमांड
इस छठ पूजा पर पीतल सूप की खूब डिमांड है. इसमें कस्टमाइज्ड सूप की भी मांग बढ़ी है. हर साल से ज्यादा इस बार उछाल देखने को मिल रहा है. सहदेव प्रसाद ने बतया कि छठ वाला सूप बनाने में शुद्धता का खासा ध्यान रखा जाता है. धातु की शुद्धता के साथ साफ सफाई भी बरती जाती है. अब कस्टमाइजड सूप बनाया जा रहा है. सूप में अलग तरह की नक्काशी तैयार की जाती है. इसमें भगवान भास्कर के चित्र, कलश, केले के पेड़ आदि के चित्र होते हैं. दुकानदार ने बताया कि पीतल का रेट फिलहाल 800 से लेकर 1 हजार रुपये किलो तक है. पिछले साल की तुलना में पीतल के दाम में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है. मार्केट में 600 रुपये से लेकर 1 हजार रुपए तक सूप उपलब्ध है.
सोने का सूप 8000 से शुरू तो चांदी की सूप 2000 में
पीतल और बांस के अलावा मार्केट में सोने- चांदी का भी सूप उपलब्ध है. फ्रेजर रोड तनिष्क के महाप्रबंधक उमेश टेकरीवाल ने बताया कि तनिष्क शोरूम में 15 ग्राम से लेकर सौ ग्राम तक वजन में सूप उपलब्ध है. इसकी कीमत 2000 से दस हजार रुपये तक में उपलब्ध है. वहीं कोतवाली थाना रोड स्थित हीरा- पन्ना में सोने के साथ चांदी के सूप उपलब्ध है. हीरा-पन्ना के सीइओ शेखर केशरी ने बताया कि सोने का सूप एक ग्राम से लेकर 50 ग्राम में उपलब्ध है. इसकी कीमत 8000 से लेकर 4.50 लाख रुपये में उपलब्ध है. वहीं चांदी का सूप 6000 से 1.25 लाख में उपलब्ध है.
150 से 250 में बिक रहा मिट्टी का चूल्हा
छठ पर्व पर पवित्रता के लिए मिट्टी के चूल्हा की मांग रहती है. छठ पर्व निष्ठा और पवित्रता के लिए जाना जाता है. छठ व्रती महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर ही नहाय- खाय का प्रसाद बनाती है. इसके साथ ही मिट्टी के चूल्हे पर ही छठ पर्व का प्रसाद बनाया जाता है. फिलवक्त मिट्टी के चूल्हे 150 से 250 रुपये की कीमत में उपलब्ध है. मिट्टी का चूल्हा विशेष रूप से वीरचंद पटेल पथ, दारोगा राय पथ रोड, आर ब्लाक चौराहा, कंकड़बाग, कदमकुआं, कंकड़बाग ऑटो स्टैंड आदि इलाके में चूल्हे की बिक्री शुरू हो गयी है.
पानी वाला नारियल 50 से 80 रुपये जोड़ा
बाजार में पानी वाला नारियल 50 से 80 रुपये जोड़ा में उपलब्ध है. नारियल की मांग भी इस पर्व में सबसे अधिक होता है. पटना में नारियल असम, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से आता है. नारियल विक्रेता वरुण कुमार ने बताया कि इस बार नारियल के भाव में 20 फीसदी तक इजाफा दर्ज किया गया है.
आम की लकड़ी 100- 150 रुपये में 5 किलो
छठ व्रत में खाना बनाने में आम का लकड़ी का प्रयोग होता है, जो बाजार में 100 से 150 रुपये पसेरी (पांच किलो) में उपलब्ध है. आम की लकड़ी मुख्य रूप से महनार, लालगंज, सोनपुर, दीघा जहानाबाद, मसौढ़ी आदि इलाके से आती है.
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अर्घ देने के लिए 700 से 4 हजार रुपये में बिक रहे बाथ टब
राजधानी के नदी के किनारे दलदल और तालाबों में गंदगी व भीड़-भाड़ के कारण कृत्रिम तालाब का निर्माण कर अर्घ देने का प्रचलन बढ़ गया है. शहर में पिछले कुछ सालों से ज्यादातर घरों की छत या आंगन में कृत्रिम तालाब बना कर छठ महापर्व किया जाता है. इसके लिए हौदा का निर्माण कर लेते हैं. वहीं, कुछ बाथ टब खरीदकर उसमें अर्घ देते हैं. ऐसे में छठ नजदीक आते ही बाजार में बाथ टब की मांग बढ़ गयी है. इसके लिए जहां बाजार में कई आकार के टब उपलब्ध है. इनकी खरीदारी भी शुरू हो गयी है.
पूजा के अन्य सामान के साथ जरूरत और जेब के अनुसार बाथ टब खरीदे जा रहे हैं. बाजार में दो फुट से लेकर 12 फुट तक के प्लास्टिक के टब उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत 700 रुपये से लेकर 4 हजार रुपये तक में है. बड़े टबों में एक साथ छह व्रती खड़े होकर भगवान भाष्कर का पूजन-अर्चन कर सकते हैं. राकेश कुमार ने बताया कि बाजार में चार फीट से लेकर 12 फीट तक के प्लास्टिक का एयर बाथ टब उपलब्ध है. इनमें चाइनीज व इंडियन प्लास्टिक के बाथ टब हैं.