Chhath Puja: लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. छठ पूजा को लेकर घर से घाट तक साज- सज्जा की तैयारी चल रही है. शहर में छठ गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया है. पूजन सामग्री, फल, दउरा, डगरा, चूल्हा, आम की लकड़ी आदि की अस्थायी दुकानें और फल मंडी में लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है. सोमवार को नहाय-खाय की पूर्व संध्या पर छठ व्रतियों ने कद्दू, अगस्त का फूल व अन्य सब्जियों की खरीदारी की.
बाजार में फलों और सब्जियों के थोक और खुदरा बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है. राज्य की विभिन्न सब्जी मंडियों में कद्दू (लौकी), नया आलू, फूलगोभी, टमाटर, धनिया, अगस्त का फूल, बैगन की खूब खरीदारी हुई. वहीं पटना के अंटाघाट, मीठापुर, राजापुर पुल, गोसाई टोला, जीपीओ गोलंबर से लेकर अनीसाबाद, बेउर, चितकोहरा बाजार खरीदारों से भरे रहे. सबसे ज्यादा मांग कद्दू और अगस्त के फूल की रही.
700 रुपये किलो तक बिका अगस्त्य का फूल, छेमी 200 रुपये किलो
नहाये- खाये को लेकर कद्दू, नया आलू, गोभी, मूली, धनिया के पत्ते व अन्य सब्जियों की काफी डिमांड रहीं. सबसे अधिक बिक्री कद्दू की हुई. स्थानीय स्तर पर भी कद्दू का आवक रहा जबकि बाहर से भी कद्दू मंगाये गये थे. अंटा घाट थोक मंडी में कद्दू 40 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति किलो तक बिका. वहीं अगस्त का फूल 700 रुपये प्रति किलो तक बिका.
दुकानदारों की मानें तो अगस्त के फूल की मांग अधिक और आपूर्ति कम होने से पिछले साल की तुलना में सौ रुपये प्रति किलो का इजाफा रहा. मीठापुर मंडी के थोक विक्रेता अनिल कुमार ने बताया कि अगस्त का फूल मुख्य रूप से गया, जहानाबाद, वैशाली और मसौढ़ी से आता है. आज खुदरा बाजार में फूलगोभी 20 रुपये से लेकर 30 रुपये प्रति पीस तक बिका. इसके अलावा नया आलू का भाव 50 – 55 रुपये प्रति किलो तक रहा.
संजीवनी बूटी से कम नहीं अगस्त्य का फूल
आयुर्वेद के अनुसार अगस्त्य का फूल शरीर से विषैले तत्वों को निकालने का काम करता है. इसके पंचांग (फूल, फल, पत्ते, जड़ व छाल) रस और सब्जी के रूप में प्रयोग होते हैं. इससे हमें आयरन, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम व कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व पर्याप्त होते हैं. अगस्त्य के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफेंटरी गुण होते हैं. इनका काढ़ा पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. अगस्त के फूलों का अर्क टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है व महिलाओं की ब्लीडिंग की समस्या बंद हो जाती है. आयुर्वेद में अगस्त्य पेड़ के फूल, छाल, जड़, पत्ते, और फल का इस्तेमाल कई औषधीय गुणों के लिए किया जाता है.
सब्जियों के भाव (प्रति किलो)
- अगस्त का फूल : 700
- कद्दू (गोल) : 50 प्रति पीस
- कद्दू (लंबा): 40 प्रति किलो
- फूलगोभी : 40- 60 रुपये प्रति जोड़ा
- बैंगन : 40
- कोहड़ा : 60
- मूली : 40- 50
- आंवला : 50 – 60
- नया आलू : 50
- अदरक : 80
- धनिया पत्ता : 100
- हरी मिर्च : 80
- छेमी : 200
- इलाके के हिसाब से भाव में अंतर संभव है.
फलों से पटा बाजार, बाजार में उतरा 40 लाख नारियल
फलों के थोक मंडी बाजार समिति से फलों की खरीदारी शुरू हो गयी है. इसके अलावा शहर के प्रमुख इलाके बोरिंग रोड चौराहा, कदमकुआं, राजा बाजार, राजापुर पुल, सब्जीबाग, चिरैयाटाड़, पोस्टल पार्क, अनीसाबाद, कंकड़बाग, चितकोहरा, मुसल्लहपुर हाट, कुम्हरार, अंटा घाट, मीठापुर, शास्त्री नगर रोड आदि इलाके में अस्थायी फल दुकानें लग चुकी हैं. छठ पूजा में गन्ने, नारियल व केला का अहम रोल होता है.
इस वर्ष लगभग 40 लाख नारियल मंगाये गये हैं. बाजार समिति में 250 ट्रक नारियल पहुंच चुका है. जबकि पटना सिटी, दानापुर, मीठापुर, मीना बाजार आदि में भी 200 ट्रक नारियल मंगाए जा चुके हैं. कारोबारियों की मानें, तो पटना शहर में लगभग 40 लाख नारियल सूप में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जायेगा. कारोबारियों की मानें तो एक ट्रक में दस हजार से अधिक नारियल लदे होते हैं.
आंध्र प्रदेश, हाजीपुर, भागलपुर, बंगाल से आया केला
पूजन में अमरूद, सेब, केला शरीफा, नाशपाती, अनानास, अनार आदि फल प्रसाद में शामिल किये जाते हैं. अंगूर और अमरूद, जो बाजार में कम है. इस महापर्व पर फलों में सबसे अधिक मांग केला का होता है. चिनीया केला में हाजीपुर केला की धार्मिक महत्ता अधिक है. बाजार समिति में इस समय चिनीया केला 400 रुपये से 700 रुपये घौद. बाजार समिति में सबसे अधिक केला आंध्र प्रदेश का है जो 350 रुपये लेकर 500 रुपये प्रति घौद है. जबकि खुदरा बाजार में 500 रुपये से लेकर 800 रुपये तक है.
बाजार समिति के थोक विक्रेता मोहम्मद हसनैन ने बताया कि मंडी में केला आंध्र प्रदेश, हाजीपुर, भागलपुर, कटिहार, बंगाल आदि से आता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में महज दस से 15 फीसदी तक इजाफा दर्ज किया गया है. एक अनुमान के अनुसार थोक मंडी और खुदरा बाजार में 20 से 25 फीसदी का अंतर होता है. सेब 100- 200 रुपये प्रति किलो है. संतरा में 60 से 80 रुपये किलो. काला ईख 30 से 50 रुपये जोड़ा हैं. जबकि हरा ईख 30 रुपये जोड़ा. अमरूद खुदरा बाजार में 80 से 150 रुपये प्रति किलो. अनानास 100 से 120 रुपये जोड़ा है. शरीफा 100 से 150 रुपये किलो हैं. अनार 150 से 200 रुपये किलो है.
फल मंडी में खरीदारी शुरू, भरपूर है स्टॉक
फलों की थोक मंडी बाजार समिति में भी फलों की खरीदारी शुरू हो गयी है. कारोबारियों ने विभिन्न फलों का भरपूर स्टॉक मंगा रखा है. पटना फ्रूट्स एंड वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार फलों के दाम में 10 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस बार सभी फलों का आवक अच्छा है.
कौन से फल कहां से कितने मंगाये गये
- सेब : कश्मीर- हिमाचल से 250 ट्रक
- संतरा : नागपुर से 150 ट्रक
- अनार : महाराष्ट्र से 50-60 ट्रक
- अमरूद : छत्तीसगढ़ व हाजीपुर से 40 ट्रक
- नाशपाति : अमृतसर से 50- 60 ट्रक
- गागर नींबू : हरियाणा और उत्तर बिहार से 40- 50 ट्रक
- अनानास : असम/किशनगंज से 25-30 ट्रक
- केला : आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हाजीपुर व नवगछिया से 200 ट्रक
- शरीफा : पुणे, झारखंड, बंगाल से 15 ट्रक
- नारियल : असम, उड़ीसा, केरल, तमिलनाडु से 250 ट्रक
बाजार समिति में प्रति किलो फलों की कीमत
- सेब – 70-110
- संतरा- 30-35
- केला- 350- 500 घौद
- अमरूद – 40-50
- अनार- 100- 150
- नाशपाती – 80-100
- गागर नींबू- 30- 40 प्रति जोड़
- अनानास- 35- 50 प्रति पीस
- देशी अंगूर – 120- 150
- विदेशी अंगूर (लाल)- 200- 250
- नारियल – 30- 40
- सुथनी – 100
- शरीफा – 60- 80
- कीवी- 15 प्रति (बॉक्स)
- अलूआ- 40
मिट्टी के बर्तनों व अन्य सामग्री की कीमत
- दीया – 150- 300 प्रति सैकड़ा
- ढक्कन – 20 – 80 प्रति पीस
- हाथी- 600- 1000 प्रति पीस
- कोशी- 150- 200 प्रति पीस
- लोटा कोशी- 150- 200 प्रति पीस
- अरता पात – 20 रुपये (आठ पीस)
- बद्धी – 20 रुपये (प्रति दर्जन)
- हुमाद – 100- 150 रुपये प्रति किलो
- सिंदूर – 5 से 10 रुपये प्रति पैकेट
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सूती कपड़े व साड़ियों की रही डिमांड
छठ पर्व को लेकर बाजार में सूती कपड़ों व साड़ियों की अच्छी खासी डिमांड रही. सूती साड़ियां 300 से लेकर दो हजार रुपये तक में उपलब्ध है. मौर्या कॉम्प्लेक्स परिसर स्थित गणपति खादी के प्रमुख सिद्धार्थ जैन ने बताया कि पश्चिम बंगाल की तांत साड़ियां 500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक में उपलब्ध हैं. वहीं हैंडलूम साड़ी 700 से चार हजार रुपये में उपलब्ध हैं.