बच्चों के नामांकन में मुखिया व पंच करेंगे सहयोग
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अब कोई भी बच्चा स्कूली शिक्षा से दूर नहीं रहेगा.
संवाददाता, पटना
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अब कोई भी बच्चा स्कूली शिक्षा से दूर नहीं रहेगा. छह से 14 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चों का स्कूल में नामांकन अनिवार्य कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) और प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि वे अपने पोषक क्षेत्र में छह से 14 वर्ष के अनामांकित बच्चों की सूची तैयार करें और बच्चों का नामांकन उम्र के हिसाब से कक्षा में करायें. बीइओ और प्रधानाध्यापक इसमें अपने क्षेत्र के मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, टोला सेवक, शिक्षा सेवक, विकास मित्र का सहयोग लेंगे. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से यह भी निर्देश दिया गया है कि इनकी मदद से यह पता करने की कोशिश करें कि किस गांव और टोला में छह से 14 आयु के बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं. बीइओ की यह जिम्मेवारी होगी कि सभी से समन्वय स्थापित कर यह कार्य करना सुनिश्चित करें. विद्यालय स्तर पर ऐसे बच्चों के लिए नामांकन अभियान भी चलेगा.
नाम हटाने से पहले बीइओ से लेनी होगी अनुमति : जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक की होगी. प्रत्येक नामांकित बच्चे की नियमित उपस्थिति हो. यदि किसी कारण से बच्चा नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है तो उनका नाम नामांकन पंजी से नहीं हटाया जाये. पंजी से बच्चों का नाम हटाने से पूर्व बीइओ से अनुमति लेना अनिवार्य है. कोई बच्चा तीन दिन स्कूल नहीं आता है तो उसके अभिभावक से संपर्क कर कारण जानने की कोशिश किया जायेगा.
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