पटना. नौ माह से लेकर चार साल तक के बच्चों को अब बाइक पर चढ़ते समय क्रैश हेल्मेट और सेफ्टी हार्नेस लगाना होगा. हार्नेस बाइक चलाने वाले व्यक्ति के साथ भी जुड़ा होगा, जिससे बच्चे के फिसलकर बाइक से गिरने की आशंका नहीं रहेगी. साथ ही चार साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर चलने वाले बाइक की अधिकतम गति 40 किमी प्रति घंटे होगी. 15 फरवरी को केंद्र सरकार ने संशोधित केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 राजपत्र में अधिसूचित किया है, जिसमें इससे संबंधित प्रावधान शामिल किये गये हैं. राज्य सरकार के द्वारा इसे राज्य में लागू किये जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद पटना में भी बाइक के पीछे बैठे बच्चे जो चार साल से कम के हैं, उनके लिए यह प्रावधान लागू हो जायेगा.
यह ऐसा होना चाहिए जो बच्चों के सिर फिट बैठे. जब तक भारतीय मानक ब्यूरो के दिशानिर्देश तय नहीं होते यूरोपियन बीएस ईन 1080, बीएस इन 1078 या एएसटीएम 1447 गुणवत्ता मानक का अनुपालन जरूरी होगा. गुणवत्तापूर्ण साइकिल हेलमेट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
सेफ्टी हार्नेस बच्चों के द्वारा पहना जाने वाला एक वेस्ट है, जो समायोजित करने योग्य होता है. इसमें वेस्ट से जुड़ी पट्टियों की एक जोड़ी और चालक द्वारा पहना जाने वाला शोल्डर लूप्स होता है. इससे बच्चों का ऊपरी धर चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा जाता है.
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हल्का वाटरप्रूफ और टिकाऊ होना चाहिए
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भारी नायलन या उच्च घनत्व फोम वाली मल्टी फिलामेंट सामग्री से बना
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30 किलो तक भार वहन क्षमता के लिए डिजाइन