जूही स्मिता,पटना: यूनिसेफ के सहयोग से बिहार यूथ फॉर चाइल्ड राइट्स के जरिये बच्चे बाल अधिकार के लिए मुहिम चला रहा हैं. इसमें 12 साल से लेकर 17 साल के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शामिल हैं. ये बच्चे समाज के प्रति अपना दायित्व और अपने अधिकारों के लिए लगातार कैंपेन और कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं.
यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता बताती हैं कि बिहार यूथ फॉर चाइल्ड बच्चों, किशोर और किशोरियों का एक मंच है जो बाल अधिकारों के लिए स्वेच्छा से अपने खाली समय में कार्य करते हैं. अभी इन बच्चों ने एक सोशल मीडिया पर जेंडर एक्वालिटी को लेकर ऑनलाइन मुहिम ‘वी मेन विद वीमेन’ की शुरुआत की है. इसके जरिये पुरषों की भागीदारी सुनिश्चित की कोशिश की गयी है.
इस कैंपेन में तीन सवालों को पूछा गया पहला- उन्होंने पुरुषों और लड़कों से अपील की है कि वे आगे आएं और बताएं की कैसे वे महिलाओं और बालिकाओं के साथ उनके अधिकार दिलाने में संघर्ष किया. दूसरा वैसे पुरुष या लड़के जिन्होंने किसी अन्य महिला और लड़की के लिए आवाज उठाई और आखिरी सवाल लोगों से महिलाओं के कैसे सशक्त किया जाये इसके लिए सरकार क्या करें पर सुझाव मांगा गया है. यह ऑनलाइन फॉर्म 31 मार्च तक ऑनलाइन भर सकते हैं.
बिहार यूथ फॉर चाइल्ड राइट्स की परिकल्पना 17 वर्षीय प्रिस्वरा भारती ने की. उन्हें हमेशा से लगता था कि बच्चों के अधिकारों पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता है. ऐसे में वे यूनिसेफ से जुड़ी फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे बच्चों से मिली वैसे टीम बनती गयी. आज उनके साथ आदित्य राज , अभिनंदन गोपाल, रवि रोशन, दुरौव, सुदीक्षा समेत 30 से ज्यादा बच्चे जुड़े हुए हैं.
आदित्य के साथ अन्य बच्चों ने बिहार बाल बजट के एसओपी डॉक्यमेंट के कवर का डिजिटल इलस्ट्रेशन भी तैयार किया. समय-समय पर समसामयिक मुद्दों पर वर्कशॉप, सोशल सर्विस और एग्जीबिशन का आयोजन होता रहता है. प्रिस्वरा का चयन अशोका यंग चेंज मेकर के तौर पर किया गया है. वे बताती हैं कि यूनिसेफ की ओर उनकी टीम की मेंटरिंग होती रहती है.
Posted By: Thakur Shaktilochan