बिहार के डेढ़ करोड़ बच्चों को मुफ्त में दी जायेगी डायरी, पाठ्य पुस्तकों से होंगी अलग

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इन डायरियों में सामाजिक सुधार से जुड़ी और भी जानकारियां साझा की जायेंगी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह कवायद आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2022 5:30 AM

बिहार के सभी 71 हजार से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को अब प्रति वर्ष विशेष डायरी दी जायेंगी. इन डायरियों में महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे व्यक्तित्वों के जीवन पर आधारित प्रेरित करने वाली जानकारी उपलब्ध होगी. ताकि बच्चे इनसे प्रेरणा ले सकें.

सामाजिक सुधार से जुड़ी जानकारियां होगी 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इन डायरियों में सामाजिक सुधार से जुड़ी और भी जानकारियां साझा की जायेंगी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह कवायद आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू होगी. हालांकि इन डायरियों का पैटर्न अभी तय किया जा रहा है.

शैक्षणिक मानकों में सुधार के लिए उठाया गया कदम 

दीपक कुमार सिंह ने बताया कि यह कदम राज्य में शैक्षणिक मानकों में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे उपायों का एक हिस्सा है. इसके अलावा शिक्षकों को छात्रों और अन्य गतिविधियों के प्रदर्शन को दर्ज करने के लिए डायरी दी जायेगी.

पहली बार लिया गया ऐसा निर्णय 

जानकारी के मुताबिक अगले शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक कक्षाओं के लिए अभ्यास पुस्तकें भी मुद्रित कर के दी जायेंगी. उल्लेखनीय है कि बच्चों को विशेष प्रकार की डायरी देने का निर्णय पहली बार लिया गया है.

रोजाना चेतना सत्र भी होगा शुरू 

जानकारी के मुताबिक प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में रोजाना चेतना सत्र प्रारंभ करने के भी निर्देश दिये गये हैं. इन चेतना सत्रों में सभी बच्चों को महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम की जीवनी साझा की जायेगी. साथ ही इन महा पुरुषों के जीवन वृत पर आधारित किताबों का भी वितरण होगा.

किताबें खरीदने के लिए राशि डाल दी गयी

इधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए अभी एक करोड़ 20 लाख से अधिक स्कूली बच्चों के खाते में किताबें खरीदने के लिए राशि डाल दी गयी है. शेष बच्चों के लिए राशि जल्दी ही डाली जायेगी. बता दें कि इस साल किताबों खरीदने के लिए बच्चों के खाते में अभी तक 416 करोड़ रुपये की राशि डाली गयी है.

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