लोक जनशक्ति पार्टी और परिवार में कलह के बीच चिराग पासवान ने मंगलवार को अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज समेत पांचों सांसदों को दल से निकाल दिया है. शाम चार बजे अपने आवास पर पार्टी के भरोसेमंद लोगों के साथ बैठक के बाद चिराग पासवान ने यह निर्णय लिया है.
चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नाम इस साल होली के पहले जारी एक पत्र को ट्वीटर पर साझा किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि चिराग पासवान ने कहा कि अगल साल 2022 में यूपी समेत जिन चार राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, वहां लोजपा पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरेगी.
जानकारी के मुताबिक चिराग पासवान ने मंगलावर को लोजपा कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक कर बगावत करने वाले अपने चाचा पशुपति पारस समेत सभी 5 सांसदों को पार्टी से बाहर कर दिया. इसके बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद पर अपना दावा पेश किया. इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा कि उनका बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट कार्यक्रम चलता रहेगा और बिहार सरकार के खिलाफ वह अपने आंदोलन को चलाते रहेंगे.
इधर, बागी गुट ने एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष चुना है. सूरज भान सिंह को पांच दिन के भीतर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करवाने को भी कहा गया है. बताया जा रहा है कि चुनाव में पशुपति पारस की ताजपोशी की जाएगी.
बताते चलें कि चिराग की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी की वर्चुअल बैठक की गयी. बैठक में पारस की ओर से लिए गये निर्णय को पार्टी संविधान के खिलाफ बताया गया. गौरतलब है कि सुलह-समझौते की सारी कोशिशों के विफल होने के बाद भी चिराग ने हार नहीं मानी है. वह हर हाल में पार्टी पर अपना कंट्रोल बनाए रखना चाहते हैं.
Posted By : Rajesh Kumar Ojha