राजद और लोजपा के चिराग गुट के बीच सियासी आकर्षण दिखने लगा है. आकर्षण कब गठबंधन में तब्दील होगा, इसके लिए जमीन तैयार की जा रही है. सियासी जानकारों के मुताबिक राजद के दलित नेता श्याम रजक और चिराग पासवान के बीच दिल्ली में हुआ संवाद बेशक निजी हो,लेकिन जमीन सियासी ही है. राजद के दलित नेता श्याम रजक ने दो टूक कहा है कि मेरे उस परिवार से निजी ताल्लुकात हैं. इसलिए हम मिले. हां, हमारी मुलाकात के सियासी मायने भी हों, इसमें भी अचरज नहीं होना चाहिए.
राजद नेता रजक ने दावा किया कि अब चिराग अंबेडकर की धारा पर ही चलेंगे. गोलवरकर की धारा पर वे अब कभी नहीं जायेंगे. वे हमेशा के लिए बाय-बाय कर चुके हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक अब चिराग पासवान का पूरा फोकस अपने संगठन को तैयार करने में है. जहां राजद नेता तेजस्वी और चिराग के बीच संवाद लगातार जारी है.
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राजनीतिक जानकारों का स्पष्ट मत है कि यह राजद गुट को भी अच्छी तरह बता है कि दलित वोटों में चिराग पासवान की ताकत उन्हें सत्ता में पहुंचा सकती है और दूसरे चिराग को पता है कि राजद की मदद से ही वे केंद्रीय राजनीति से अपने चाचा को बेदखल कर सकते हैं. इसी मकसद से दोनों दल अपने सियासी गठबंधन की सियासी खिचड़ी पका रहे हैं. इसकी पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए दोनोें तरफ के सियासी शुभ चिंतकों की टीम लगी हुई है. जानकारों का कहना है कि बहुत जल्द ही राजद नेता तेजस्वी और चिराग पासवान एक साथ किसी मुद्दे पर विचार साझा करने सामने आ सकते हैं.
Posted By : Avinish Kumar Mishra