केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चाएं तेज है. वहीं एक तरफ जहां कैबिनेट विस्तार की अंदरूनी तैयारी को लेकर लोगों में अटकलों का बाजार गर्म है वहीं दूसरी ओर लोजपा के अंदर घमासान भी तेज है. कैबिनेट विस्तार के ठीक पहले लोजपा के अंदर हुई बड़ी टूट ने देश में एक नया सियासी अध्याय खोल दिया है. चिराग पासवान ने कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर भाजपा और लोजपा के बीच मधुर संकेत बताया है.
चिराग पासवान ने फर्स्ट बिहार पोर्टल को दिए अपने इंटरव्यू में मोदी कैबिनेट विस्तार की चर्चा की. उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे भी नहीं मालूम है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल का विस्तार कब होगा. मै (चिराग) भी मीडिया के जरिये ही इन बातों को जानता हूँ. चिराग ने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानता कि मेरी वजह से मंत्रीमंडल का विस्तार रूका हुआ है. और अगर ऐसा है तो कहीं न कहीं इसे शुभ संकेत मानता हूँ. अगर मेरी वजह से ये रूका है तो भाजपा-लोजपा एक है, इस विश्वास में बढोतरी होगी.
चिराग ने लोजपा के अंदर हुई टूट को लेकर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं ही हूँ. आज भी चुनाव आयोग मुझे ही लोजपा का राष्टीय अध्यक्ष बताएगा. क्योंकि मैं केवल दस्तावेज पर ही नहीं बल्कि पार्टी के संविधान के तहत भी मजबूत हूँ. उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष यानी पारस गुट ने कभी चुनाव आयोग के सामने दावेदारी ही पेश नहीं की है. उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस को तथाकथित राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया.
बता दें कि लोजपा के अंदर दो फाड़ तब हुइ जब कुछ दिनों पहले रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने एक अलग मोर्चा खोल दिया. उनके साथ लोजपा के अन्य 4 सांसद भी आ गए और चिराग से बगावत कर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया. इस दौरान चिराग ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए खुलकर बोला और कहा कि अपने हनुमान का राजनीतिक वध होता देख राम खामोश नहीं बैठेंगे. ऐसी उन्हें उम्मीद है. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग ने एनडीए से अलग होकर इलेक्शन में आने का फैसला लिया लेकिन खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan