हनुमान वध देखकर राम नहीं रहेंगे खामोश, BJP नेताओं से चिराग की हुई बात! अब पीएम मोदी और चाचा पारस से है ये उम्मीद…

लोजपा में हुई टूट के बाद रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस और पुत्र चिराग पासवान के बीच अब दरार आ गई है. वहीं लोजपा के दो खेमे अब सक्रिय हो चुके हैं और पार्टी के बर्चस्व की लड़ाई अब तेज हो चुकी है. इसी बीच एबीपी न्यूज पर इंटरव्यू देते हुए चिराग पासवान ने अपनी नाराजगी जताइ और अपना दर्द भी साझा किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2021 2:37 PM
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लोजपा में हुई टूट के बाद रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस और पुत्र चिराग पासवान के बीच अब दरार आ गई है. वहीं लोजपा के दो खेमे अब सक्रिय हो चुके हैं और पार्टी के बर्चस्व की लड़ाई अब तेज हो चुकी है. इसी बीच एबीपी न्यूज पर इंटरव्यू देते हुए चिराग पासवान ने अपनी नाराजगी जताइ और अपना दर्द भी साझा किया.

चिराग पासवान ने ABP न्यूज चैनल को दिये एक्सक्लूजिव इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं जिस समय शारीरिक परेशानी से लड़ रहा था उस समय मुझे पारिवारिक लड़ाई भी लड़नी पड़ी. उन्होंने कहा कि मैं चाचा के गोद में खेला. पापा की छवि उनके अंदर मुझे दिखती रही. जब ये प्रकरण हुआ तो मुझे कारण नहीं समझ आया और मैं अंत तक मामले को सुलझाने में लगा रहा. लेकिन अब उन्होंने भी मुझसे हाथ पीछे खींच लिया. चिराग ने कहा कि इस मामले को सही करने मम्मी ने भी बहुत प्रयास किया. कई फोन किया लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी.

चिराग ने कहा अगर चाचा (पशुपति पारस) को मंत्री बनना था तो मुझे एक बार कह देते. मैं खुद प्रधानमंत्री जी से बात करता. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मैं उन्हें बना देता. चिराग ने कहा कि मुझे केवल उनके सानिध्य में काम करने की जरूरत थी. एक तरफ जहां पशुपति पारस समेत सभी बागी सांसदों ने चिराग पर यह आरोप लगाया है कि वो विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग लड़ने का एकतरफा फैसला लिए थे. वहीं चिराग ने अब इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये सरासर गलत है. जदयू से अलग चुनाव लड़ने का फैसला सभी सांसदों का था. उस बैठक में पशुपति पारस भी वर्चुअल तरीके से जुड़े थे और उनकी भी इसमें सहमति थी. चिराग ने बताया कि वेंटिलेटर पर जाने के ठीक दो दिन पहले पिता रामविलास पासवान ने कहा था कि चुनाव अलग होकर लड़ना है. उनका भी स्टैंड क्लियर था.

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चिराग ने बताया कि 2019 में केवल प्रधानमंत्री के नाम पर एक होकर एनडीए के साथ लडे. रामविलास जी जदयू के साथ चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे. वहीं चिराग ने बताया कि 95 प्रतिशत पार्टी के लोग आज भी मेरे साथ है. नेश्नल एक्जिक्यूटिव की बैठक में 75 में 66 लोग मेरे साथ हाल में जुड़े हुए थे. उनके एफिडेविट आज भी साथ हैं. 35 में 33 स्टेट प्रसिडेंट के साथ जुड़े होने की बात भी चिराग ने की. उन्होंने बताया कि मुझसे केवल 9 लोग अलग हुए हैं जिनमें 5 सांसद हैं.

भावुक होते हुए चिराग ने बताया कि प्रिंस को मैने अपनी गोद में खिलाया है.स्कूल में आज भी अभिभावक के नाम पर शायद मेरा ही नाम दर्ज हो. लेकिन उसने ऐसा क्यों किया ये मुझे नहीं मालूम है. परिवार के मुखिया मेरे चाचा(पारस) थे. अब उन्होंने ही खंजर घोंप दिया है तो किसी और से क्या कहूं. चिराग ने कहा कि जब परिवार के लोग ही इसमें शामिल हैं तो जदयू या किसी और को क्या कहूंगा.

वहीं पीएम मोदी की बात पर चिराग ने कहा कि चुनाव के दौरान मैने जरूर कहा कि मैं उनका हनुमान हूँ. मैं प्रधानमंत्री जी के हर फैसले के साथ रहा. 2014 में भी मैं और पार्टी ने प्रधानमंत्री जी और भाजपा के साथ खड़ा रहा. जदयू के साथ नहीं गया. चिराग ने कहा कि अब भाजपा को ये फैसला लेना होगा कि क्या वो उनका साथ देगी जो हर कदम पर उनके साथ रहे.

पीएम मोदी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए चिराग ने कहा कि जब हनुमान का वध हो रहा हो तो राम खामोश नहीं रहेंगे. ये मुझे भरोसा है. मुझे निजी तौर पर भाजपा के कई नेताओं से बात हुई है. पर राजनीतिक तौर पर इसे नहीं जोड़ सकते. मेरे उनसे बेहतर संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब परिवार ने ही साथ छोड़ दिया है तो केवल जनता और मां का ही साथ है. चिराग ने कहा कि मैं इस विवाद को पारिवारिक मिसअंडरस्टेंडिग ही मानना चाहूंगा. हमेसा वो मेरे चाचा ही रहेंगे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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