बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर प्रदेश की सियासत गरमायी हुई है. सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई तो पूरा जदयू कुनबे से ये आवाज तेज होने लगी. वहीं राजद और कांग्रेस ने भी इस मांग को लेकर अपने सुर तेज कर दिये हैं. एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने नीतीश कुमार के इस मांग का साथ दिया तो भाजपा के एक दावे को हथियार बनाकर चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
भाजपा नेताओं ने जब बिहार के स्पेशल स्टेट्स की मांग पर ये बयान दिया कि बिहार को विशेष राज्य से अधिक फंड दिया गया है तो विशेष राज्य के दर्जे पर सीएम नीतीश ने स्पष्ट तौर पर ये बयान दे दिया कि बिहार की भलाई के लिए व विकास के लिए इसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये मांग उनकी पुरानी है और नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार अगर पिछड़ा है तो इसके विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.
राजद की ओर से सांसद मनोज झा ने इस मांग को राज्यसभा में उठाया. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी सदन में इसे लेकर आवाज बुलंद की तो कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी इस मांग के साथ दिखे. लेकिन पूरे मामले को लेकर भाजपा किनारे ही दिखी. भाजपा नेता व राज्य सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी इस मामले को लेकर यही कहा कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले पर बेहतर वार्ता करेंगे. शाहनवाज हुसैन ने भी विशेष पैकेज का जिक्र कर एक संकेत दिया.
तू इधर उधर की न बात कर,
बता ये काफिला क्यों लुटा..
प्रभु का वनवास 14 साल का था। नीतीश जी का शासन 16 साल का। उसके बाद भी बिहार, विकास की लिस्ट के आखिर में है। BJP कहती है बिहार को पर्याप्त सहायता मिली। नीतीश जी बताएं, विशेष राज्य का फिर बहाना बनाएंगे या बताएंगे पैसा कहां गया ?— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) December 17, 2021
वहीं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया पशुपति पारस ने सीएम नीतीश की मांग का साथ दिया तो अब चिराग पासवान इस मामले को लेकर मैदान में कूद गये हैं. उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया है. जिसके माध्यम से सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. इसमें उन्होंने भाजपा के दावे को ही हथियार बनाया है और बिहार के विशेष सहायता वाले पैसे का हिसाब मांगा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan