कश्मीर में नयी सरकार बनते ही क्यों शुरू हुई टारगेट किलिंग? आतंकी हमले पर चिराग पासवान ने जतायी ये चिंता…

कश्मीर में हुए आतंकी हमले में बिहार के भी मजदूरों की मौत हुई है. चिराग पासवान ने चिंता जाहिर करते हुए सवाल किए हैं कि नयी सरकार बनते ही ये सब फिर क्यों शुरू हो गया...

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 21, 2024 11:45 AM

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पंख फिर से फड़फड़ाने लगे हैं. एकबार फिर से कश्मीर में टारगेट किलिंग का दौर शुरू हो गया है. बीते दिनों दो ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसने प्रवासी मजदूरों की चिंता और बढ़ा दी है. आतंकवादियों ने पहले बिहार के एक मजदूर को बुलाकर उसे गोली मार दी और फिर इस घटना के कुछ ही दिनों बाद ताबड़तोड़ फायरिंग करके 6 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया जिसमें तीन मजदूर बिहार के रहने वाले थे. हाजीपुर के सांसद सह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आतंकी हमले पर चिंता जाहिर की है और सवाल खड़े किए हैं कि जम्मू कश्मीर में नयी सरकार बनते ही टारगेट किलिंग के मामले फिर से क्यों बढ़ने लगे?

कश्मीर में आतंकी हमला, बिहार के भी मजदूरों की मौत

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी इन दिनों गैर स्थानीय मजदूरों को टारगेट करके उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं. पहले कश्मीर के शोपियां जिले में बिहार के बांका निवासी एक युवक अशोक चौहान की हत्या आतंकियों ने गोली मारकर कर दी और अब शोपियां में 6 मजदूरों और एक डॉक्टर को गोलियों से छलनी करके मार दिया. कई अन्य मजदूरों की हालत गंभीर है. ये मजदूर दूसरे राज्यों के थे जो केंद्र सरकार की एक योजना के तहत बनाए जा रहे सुरंग के लिए काम कर रहे थे. मृतकों में तीन मजदूर बिहार के रहने वाले हैं.

ALSO READ: कश्मीर में 2021 में भी आतंकियों ने बिहार को दिया था जख्म, 11 दिन के भीतर 4 मजदूरों की कर दी थी हत्या

टारगेट किलिंग के शुरू हुए दौर पर चिंतित चिराग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस आतंकी हमले व टारगेट किलिंग के शुरू हुए दौर पर चिंता जाहिर की है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यह हमला हुआ है वो चिंता का विषय है. केंद्र सरकार की इसपर नजर है. लेकिन कश्मीर में नयी सरकार के गठन के बाद जिस तरह से ऐसी घटाएं वापस से शुरू हुई हैं, ये सवाल खड़ी करती है. राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि इसे गंभीरता से लें.

जब केंद्र देख रही थी कश्मीर का काम, तो ऐसी घटनाएं पर लगी थी रोक- बोले चिराग

चिराग पासवान ने कहा कि जब केंद्र के शासन में कश्मीर का काम देखा जा रहा था तो लंबे समय से ऐसी घटनाओं पर रोक लगी थी. अब फिर से अगर ऐसे हमले हो रहे हैं और घटनाएं घट रही हैं तो राज्य सरकार को भी इसे गंभीरता से देखने की जरूरत है.

Next Article

Exit mobile version