Chirag Paswan: पशुपति पारस को लेकर चिराग पासवान ने दिया बड़ा बयान, बोले- ‘मेरे और उनके खून में फर्क’
Chirag Paswan: चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस को लेकर कहा है कि परिवार से अलग होने का फैसला उन्होंने लिया था. अब आगे क्या होगा ये फैसला भी उन्हीं को करना है.
Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी (रा) का स्थापना दिवस पूरे बिहार में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर चिराग पासवान पटना स्थित पार्टी के पुराने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने पिता और पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की यादों को ताजा करते हुए कहा कि मेरे पिता रामविलास पासवान की सोच को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की गई थी. चिराग पासवान ने कहा कि आज का दिन कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि वह हमेशा यह चाहते थे कि लोक जनशक्ति पार्टी का विस्तार हो और उनकी सोच आगे बढ़े. मेरे पिता रामविलास पासवान का सपना था कि यह पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी बने. आज तीन राज्यों में हमारे पास न केवल जनाधार है, बल्कि हम प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं. इस उद्देश्य को लेकर पार्टी जल्द राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगी.
चिराग ने बताया लक्ष्य
चिराग पासवान ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में 225 से ज्यादा सीटें जीतने का है और यह विश्वास हमें उपचुनावों से मिला है. उपचुनावों में हमारे एनडीए गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया और हम बिहार में चारों सीटों पर विजय हासिल करने में सफल रहे. मैं मानता हूं कि 2025 के चुनावों में प्रदेश की 225 से ज्यादा सीट जीतने के इस लक्ष्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम पूरा करेंगे. 2025 में मुख्यमंत्री का चेहरा अभी से तय हो चुका है और एनडीए गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही हम चुनाव लड़ेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि अगले साल जब हम पार्टी के स्थापना दिवस पर एकत्र होंगे, तब तक नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके होंगे.
मिथिला राज्य पर क्या बोले चिराग
राबड़ी देवी के मिथिला राज्य की मांग पर चिराग पासवान ने कहा कि मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की है. जब तक बिहार एकजुट रहेगा, हम सबकी ताकत बनी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है ‘एक हैं, तो सुरक्षित हैं’, वही हमारी शक्ति है. हमें जाति, धर्म, भाषा, या क्षेत्रवाद के नाम पर बांटने की राजनीति से बचना होगा. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ये लोग बांटने की कितनी राजनीति करते हैं.
चाचा के साथ भविष्य पर क्या बोले
एलजेपी (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पशुपति पारस के साथ आने के सवाल पर कहा कि वह हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग हैं. अलग होने का फैसला उन्होंने अकेले ही लिया था, मेरी मां से हर रिश्ते को तोड़ने का फैसला भी उन्हींने किया. भविष्य में साथ आना है या नहीं, यह फैसला भी उन्हीं का होगा. चिराग ने आगे यहां तक कहा कि मेरे और उनके खून में फर्क है. मैं नहीं मानता आने वाले दिनों में ये चीजें कभी एक हो सकती है.
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