CHO Exam राज्य स्वास्थ्य समिति की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के 4500 पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा रद्द कर दिया गया. EOU की जांच में प्रश्नपत्र लीक होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद यह फैसला लिया गया. जांच में EOU को पता चला कि माफियाओं ने इसको लेकर कई गाइड लाइन जारी कर रखा था.
EOU की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन सेंटर का ऑडिट नहीं की गई थी. उन जगहों पर भी सेंटर बनाये गए जो कि ब्लैकलिस्टेड थे. इन तथ्यों के सामने आने के बाद पुलिस ने परीक्षा के लिए सेंटर ऑवंटित करने वाली संस्था को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है. पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस जांच में कई और बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं. इनकी गिरफ्ती के बाद कई और राज पर से पर्दा उठ सकता है.
माफियाओं ने जारी किए थे कोड
EOU की जांच में पता चला है कि माफियाओं ने पुलिस से बचने के लिए दो स्तर की सुरक्षा लाइन तैयार कर रखा. एक सेंटर के लिए थे तो दूसरा अभ्यर्थियों के लिए जारी किया गया था. ताकि पुलिस की चहलकदमी की तुरंत पता चल जाए. लेकिन, पुलिस को इसकी पहले ही भनक लग गई थी. यही कारण था कि पुलिस पहले सादे लिबास में पहुंचकर सारे साक्ष्य को एकत्रित किए फिर उसने छापेमारी कर इसमें संलिप्त लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
पटना के जिन 12 सेटरों पर परीक्षा थी. इसमें से अधिकतर का ऑडिट ही नहीं हुआ था. जबकि नियम यह है कि परीक्षा से करीब 10 दिन पहले कंपनी का प्रतिनिधि ऑनलाइन सेंटर का ऑडिट करेगा. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. कहा जा रहा है कि माफियओं से संकेत मिलने पर कुछ सेंटर को परीक्षा से एक या दो दिन पहले मेल कर सूचना दी गई थी. कहा जा रहा है कि एक सेंटर को 20 लाख में मैनेज किया गया था.
परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से 5-5 लाख रुपए में डील हुई थी. इन सभी से टोकन मनी के रूप में 25 से 50 हजार रुपए लिए गए थे. बचे हुए पैसा बाद में देना था. बाकी के पैसे परीक्षा देने के बाद देने थे. सेंटर देने के बदले परीक्षा करा रही कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड को भी माफियाओं ने एक बड़ी रकम दी थी.