Patna News : सीएचओ बहाली परीक्षा में सभी 12 सेंटरों पर साॅल्वर गिरोह की थी सेटिंग

परीक्षा का संचालन करने वाली कंपनी ने करोड़ों में की थी डील, परीक्षा केंद्रों के मालिकों, केंद्राधीक्षकों और आइटी मैनेजर ने पूछताछ में किए कई खुलासे

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 12:48 AM
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पटना. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की जांच में बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) बहाली परीक्षा में सेटिंग की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. सीएचओ की बहाली के लिए आयोजित हुई परीक्षा का संचालन करने वाली कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड ने गड़बड़ी के लिए करोड़ों में डील की थी. साॅल्वर गिरोह ने कंपनी के ठेकेदारों को सभी एक दर्जन परीक्षा केंद्रों को मैनेज करने के बदले यह राशि दी थी. ये बातें इओयू की जांच में सामने आयी हैं. इओयू के स्तर से सभी परीक्षा केंद्रों को सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

केंद्रों के मालिकों, केंद्राधीक्षकों और आइटी मैनेजर ने पूछताछ में किये कई खुलासे :

इओयू की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सभी 12 परीक्षा केंद्रों पर साॅल्वर गिरोह की सेटिंग थी. इओयू की छापेमारी में जिन परीक्षा केंद्रों के मालिकों, केंद्राधीक्षकों और आइटी मैनेजर आदि को पूछताछ के लिए लाया गया था, उन्होंने भी कई खुलासे किए हैं. आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि परीक्षा में कदाचार और धांधली की साजिश अगमकुआं थाना अंतर्गत भागवतनगर के शांति मार्केट में स्थित एक किराये के फ्लैट में की गयी थी. इसके अलावा अयोध्या इंफोसोल नाम के परीक्षा केंद्र पर भी षड्यंत्र रचा गया था. इसमें नालंदा के आदित्य कुमार, रविभूषण, कुम्हरार के निखिल कुमार नेहरा, रविशंकर, हिमांशु गौतम, अंकेश गौतम के साथ वी शाइन कंपनी के स्थानीय कांट्रेक्टर आदि की भूमिका थी. पुलिस की छापेमारी में भागवतनगर के किराये के फ्लैट से शुभम राज, रविरंजन चौधरी, सौरव कुमार, राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है. यहां से पुलिस ने कई प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक उपकरण, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, बैंक पास बुक, चेकबुक और नये व पुराने मोबाइल सेट आदि बरामद किये हैं.

नकल के लिए इंटरनेट की अलग से लीज लाइन :

इओयू की अब तक की जांच में पाया गया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर नकल के लिए इंटरनेट की अलग से लीज लाइन की व्यवस्था की गयी थी. इसे परीक्षा केंद्र के ही एक लैपटाॅप से जोड़कर चुनींदा अभ्यर्थियों के कंप्यूटरों से जोड़ा गया था, जिसके जरिए नकल करायी जा रही थी. इसी तकनीक से प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन साॅल्व हो रहे थे. गिरफ्तार आरोपितों में बड़ी संख्या नालंदा गिरोह से जुड़े लोगों की है. इनके भी कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं कि इनकी भूमिका पूर्व के परीक्षा धांधली में रही है या नहीं.

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