Bihar Land Survey: सरकार ने खोये या खराब हो गए खतियान का निकाला समाधान, सर्वेकर्मी करेंगे मदद

Bihar Land Survey: अगर आपके पास जमीन का खतियान नहीं है, तब भी आप जमीन सर्वेक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं. आपको बस खाता और खेसरा नंबर याद रखना होगा. आप आवेदन कर सकते हैं और अंचल कार्यालय आपकी जमीन का खतियान खोजेगा.

By Anand Shekhar | January 24, 2025 1:25 PM

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए भूमि संबंधी दस्तावेजों के प्रबंधन को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ी राहत दी है. अगर किसी कारणवश आपका खतियान खराब हो गया है या खो गया है तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप जमीन के खाता नंबर और खेसरा नंबर से जमीन के सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं. आपके जमीन का खतियान खोजने का काम अंचल कार्यालय करेगा.

कैसे होगा गुम हो गए खतियान का समाधान?

  • खाता नंबर, खेसरा नंबर और जमीन की चौहद्दी का विवरण भरें और सर्वे फॉर्म संबंधित अंचल कार्यालय में जमा करें.
  • सर्वेक्षण पदाधिकारी आपके शपथ पत्र के आधार पर खतियान खोजने की जिम्मेदारी अंचल कार्यालय को देंगे.
  • राजस्व विभाग के आदेशानुसार अंचल कार्यालय आपकी जमीन से संबंधित दस्तावेज खोजकर उपलब्ध कराएगा.
  • जमीन की मापी के दौरान सर्वेक्षण अमीन आपकी जमीन की चौहद्दी की पुष्टि करेगा और उस आधार पर नया खतियान तैयार करेगा.
  • अगर खतियान खो गया है तो पड़ोसी किसानों की चौहद्दी के आधार पर आपकी जमीन की पहचान की जाएगी.

वंशावली किसे देना होगा

  • जब जमीन पूर्वजों के नाम पर होगी तो वंशावली उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. इससे नए खतियान में आपका नाम जुड़ जाएगा और संयुक्त दस्तावेज तैयार हो जाएगा.
  • अगर जमाबंदी पहले से आपके नाम पर है तो वंशावली उपलब्ध कराने की जरूरत नहीं है.

रैयतों को मिलेगी राहत

इस प्रक्रिया से किसानों को अब खतियान की समस्या के समाधान के लिए सरकारी दफ्तरों का बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सर्वे में लगे कर्मचारी रैयतों को खतियान खोजने में मदद करने के साथ ही अन्य समस्याओं का भी समाधान करेंगे.

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सरकार के नाम पर होगा इन जमीनों का सर्वे

राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ मालिक, कैसर-ए-हिंद, भू-दान, भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा समेत अन्य सरकारी जमीनों का सर्वे सरकार के नाम पर होगा. इस प्रक्रिया के लिए अंचलाधिकारियों से इन जमीनों की जानकारी मांगी जा रही है.

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