17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Citizenship Crisis: कहीं का नहीं रहा अरवल का नकवी, पाकिस्तान ने ठुकराया, भारत ने अपना मानने से किया इनकार

Citizenship Crisis: पटना हाइकोर्ट ने 2016 से जेल में बंद अरवल के सैयद नकवी को रिहा करने का आदेश दिया है. अब सैयद नकवी के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि उसे पाकिस्तान अपनाने को तैयार नहीं है, उसके पास भारत की भी नागरिकता नहीं है.

Citizenship Crisis: पटना. पटना हाइकोर्ट ने एक रोचक मामले में 2016 से जेल में बंद अरवल के सैयद नकवी को रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही जेल में सात महीने रहने के बाद बाकी की उसकी सजा भी माफ कर दी. पटना हाइकोर्ट के जज न्यायाधीश पीबी बजंथ्री और न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने सैयद नकवी मामले में अहम फैसला दिया है. सैयद नकवी के वकील अमित नारायण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में 2022 में अना परवीन के मामले में दिये गये फैसले को आधार मानकर नकवी को जमानत मिली है. अब सैयद नकवी के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि उसे पाकिस्तान अपनाने को तैयार नहीं है, उसके पास भारत की भी नागरिकता नहीं है.

नानी अपनी सेवा के लिए पाकिस्तान गया था नकवी

अरवल में जन्मे सैयद नकवी को 1982-83 में उसकी नानी अपनी सेवा के लिए पाकिस्तान लेकर चली गयी थी. इस दौरान वहां नकवी को पाकिस्तान की नागरिकता मिल गयी. 2012 में नकवी के पिता ने उसे संवाद भेजा कि वह बीमार हैं, इसलिए अब यहां आ जाए. नकवी पाकिस्तान से वीसा लेकर अरवल पहुंच गया. वीसा की अवधि मात्र छह महीने थी. छह महीने में उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं हुई. नकवी बिना वीसा की अवधि बढ़ाये यहां रह गया. पुलिस ने इस आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को शक हुआ कि कहीं नकवी पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर तो नहीं आया है. हालांकि, बाद में जांच में यह शक गलत साबित हुआ.

भारतीय महिला से की शादी

नकवी ने पटना हाइकोर्ट में अपील की. हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा. इस दौरान नकवी ने भारतीय मुस्लिम महिला से शादी भी कर ली. 2017 से जहानाबाद के डिटेंशन सेंटर में रह रहे नकवी के वकील अमित नारायण ने बताया कि उन्होंने हेबियस कार्पस के रूप में याचिका दायर की है. इस बीच जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने जब पाकिस्तान से संपर्क किया, तो पाकिस्तान सरकार ने कहा कि नकवी ने जो पता बताया है, वह मिल नहीं रहा है. राज्य सरकार ने अपनी ओर से हलफनामा दायर कर कहा कि नकवी को लेकर कोई खतरा नहीं दिखता, लेकिन नागरिकता पर फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

Also Read: Electricity In Bihar: नबीनगर सुपर थर्मल के विस्तार को मंजूरी, 800 मेगावाट की लगेंगी तीन नयी इकाइयां

नहीं मिल रही है भारत की नागरिकता

वकील श्री नारायण ने बताया कि नकवी को भारत की नागरिकता नहीं मिल रही है और पाकिस्तान अपना नागरिक मानने से इनकार कर रहा है, इसी आधार पर उसने याचिका दायर की है. गिरफ्तारी के कुछ साल बाद नकवी को अरवल से तिहाड़ जेल भेज दिया गया. बाद में उसे जहानाबाद के डिटेंशन सेंटर भेजा गया, जहां वह अभी रह रहा है. नकवी की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर आदेश सुनाते हुए खंडपीठ ने उसे रिहा करने का आदेश दिया. वकील अमित नारायण ने कहा कि बिहार का यह पहला केस है और संभवत: देश का तीसरा ऐसा मामला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें