PMCH डिस्पेंसरी में 49 तरह की दवाएं उपलब्ध होने का दावा, हकीकत- आधे से अधिक मरीजों को नहीं मिल रहीं दवाएं

मुख्य डिस्पेंसरी में दवा उपलब्धता की पड़ताल की गयी. पड़ताल के दौरान पता चला कि ओपीडी से आने वाले करीब 50 फीसदी मरीजों को एक भी दवा नहीं मिल पा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 18, 2022 9:49 AM

Bihar News पीएमसीएच की मुख्य डिस्पेंसरी में विभिन्न रोगों की लगभग 49 दवाओं की उपलब्धता का दावा किया जा रहा है. डिस्पेंसरी कर्मियों के अनुसार डॉक्टरों की लिखी अधिकतर दवाएं यहां मिल जाती हैं. मगर, इनके दावे के उलट वहां की हकीकत कुछ और है. गुरुवार को प्रभात खबर की ओर से मुख्य डिस्पेंसरी में दवा उपलब्धता की पड़ताल की गयी. पड़ताल के दौरान पता चला कि ओपीडी से आने वाले करीब 50 फीसदी मरीजों को एक भी दवा नहीं मिल पा रही है.

मुख्य डिस्पेंसरी के मात्र दो काउंटर ही खुले

मुख्य डिस्पेंसरी में हर दिन एक हजार से ज्यादा मरीज दवाओं के लिए आते हैं. इतने मरीजों के आने के कारण लंबी लाइनें लगी रहती हैं. इसमें सात काउंटर बने हुए हैं. बुधवार और गुरुवार को भी मात्र दो ही काउंटर खुले थे. इसमें एक पुरुष के लिए और एक महिला के लिए थे. हमें जानकारी मिली कि इस डिस्पेंसरी में कम से कम छह फार्मासिस्ट की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में मात्र तीन ही कार्यरत हैं, इसमें एक प्रभारी हैं और दो काउंटरों पर बैठते हैं. यहां आने वाले कई मरीज ऐसे भी हैं कि उन्हें पर्चे पर डॉक्टर की ओर से लिखी एक दो दवाओं से ही काम चलाना पड़ता है और शेष दवाओं की खरीद बाहर से करनी पड़ती है.

डिस्पेंसरी से लौटने वाले मरीजों पर रहती है दलालों की नजर

मुख्य डिस्पेंसरी से जब पूरी दवाएं नहीं मिलती हैं, तो निराश होकर वापस जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों पर दलालों की नजर रहती है. डिस्पेंसरी के आसपास हर दिन करीब आधे दर्जन दलाल घूमते हैं, जो मरीजों को निजी दुकानों से दवा खरीदने का ऑफर करते हैं. साथ ही दवा खरीदने पर डिस्काउंट दिलाने का भी प्रलोभन देते हैं.

Also Read: Bihar News: इधर थाने में लगाता रहा गुहार उधर, भाई की हो गयी हत्या जमीन विवाद में छह राउंड चलीं गोलियां
दलाल लगाते रहते हैं चक्कर

मुख्य डिस्पेंसरी में पीएसपीएच की ओर से मुफ्त दवाएं दी जाती हैं. ओपीडी में आने वाले मरीज यहां से दवाएं लेते हैं. मालूम हो कि विभिन्न विभागों की ओपीडी में हर दिन 1500 से 2000 मरीज यहां आते हैं.

Next Article

Exit mobile version