मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के बचे काम को मिशन मोड में 2025 तक पूरा करवाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. अधिकारियों से कहा कि इस अभियान में हुए कामकाज की जानकारी जीविका दीदियों के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाएं. पूरा होने वाले काम के मेंटेनेंस की नीति बनवाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान में सार्वजनिक जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करवाने के दौरान हटाये गये गरीबों और गृहविहीनों के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए. इसे लेकर कुछ लोग बयान देते रहते हैं कि गरीबों को हटाया जा रहा है, गलत हो रहा है. मुख्यमंत्री मंगलवार को ज्ञान भवन में आयोजित जल-जीवन-हरियाली दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन ग्रामीण विकास विभाग ने किया था.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम लोग इतना काम कर रहे हैं. कोई-न-कोई है, जो लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रहा है. इसलिए घर-घर जाकर लोगों को काम की जानकारी देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर 2019 को यह अभियान शुरू हुआ था और तीन साल में इसे पूरा करने की समय सीमा थी. कोरोना संकट की वजह से इसे दो साल बढ़ाया गया है.
सीएम ने कहा कि बड़े सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये गये हैं. अब आम लोगों को अपने भवन पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने सहित वर्षा चल संचयन के लिए प्रेरित करना चाहिए. साथ ही सार्वजनिक कुओं और चापाकलों के बगल में सोख्ता का निर्माण जरूरी है. इससे पानी नीचे चला जायेगा और ग्राउंड वाटर लेवल बरकरार रहेगा. इसके बारे में लोगों को प्रेरित करना चाहिए. 18,259 सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान लागू का निर्णय सर्वदलीय बैठक में हुआ था. अब इस बारे में जिनको जो कुछ बोलना है, वे बोलते रहें.
अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली से एक-दो पुरस्कार मिलने की अधिक चर्चा नहीं करें, इससे लोगों को लगेगा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का काम केंद्र सरकार ने करवाया है. हकीकत यह है कि यह काम राज्य सरकार का है. ऐसे में प्रशंसा के चक्कर में नहीं पड़ें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आप सभी आइएएस अधिकारी हैं, तो पोस्टिंग दिल्ली भी चाहेंगे, लेकिन हम आपसबों की इज्जत और सम्मान करते हैं. इसलिए दिल्ली के बारे में नहीं सोचकर बिहार पर ध्यान दीजिए. यदि लिखना ही हो तो वही लिखें जो हमारा मकसद है. इसमें बताना चाहिए कि कितना काम बाकी है? यहां काम करवाने के बारे में आइडिया दीजिए.
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारियों से कहा कि इस कार्यक्रम में बाहर से आने वालों सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करके ही जाएं. उन्होंने कहा कि क्या चीफ सेक्रेटरी साहब, हर बार संवाद करते हैं, यह देखना जरूरी है कि काम में कहां कमी रह गयी. सभी विभाग भी इसे देखकर कमी दूर करवाएं. केवल कार्यक्रम में काम की जानकारी हमें ही नहीं दें. सबको जानकारी देने की व्यवस्था करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर तरह से काम कर रहे हैं. विपक्ष के विभिन्न दलों के साथ हमारी बातचीत हो रही है. विपक्ष के सभी दलों को एकजुट करने का प्रयास होगा. अभी तो हम क्षेत्र में घूमने जा रहे हैं फिर सभी लोगों से बातचीत होगी. अभी से ही 2024 की तैयारी शुरू कर दी है, के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपनी तैयारी कर रहे हैं. इससे हमलोगों का क्या लेना-देना? इनलोगों को देश के लिए कोई काम नहीं करना है. अपने ही लिए काम करना है. यही तो इस पार्टी का काम है. अब तो हम इनसे अलग हो गये हैं.
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कांग्रेस पार्टी के भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनकी पार्टी का कार्यक्रम है. हर पार्टी को यात्रा करने का अधिकार है. जब वे अपनी पार्टी का कार्यक्रम कर लेंगे तब हम उनलोगों के साथ बैठकर कैसे तालमेल होगा, यह सब तय करेंगे.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पटना पहुंचने संबंधी प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पार्टी के नेता को घूमने का अधिकार है. वे अपनी पार्टी की ओर से यहां आए हैं, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.
प्रशांत किशोर से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन जैसे लोगों का कोई नोटिस नहीं लेते हैं. कुछ लोगों के बारे में हम चर्चा ही नहीं करते हैं. इनलोगों के बारे में हमसे मत पूछिए.