पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दरभंगा और मधुबनी के दौरे पर निकले. दरभंगा में एयरपोर्ट निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली. साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन से बात कर निर्माण कार्यों की प्रगति से अवगत कराया. इसके बाद सड़क मार्ग से मधुबनी में कमला बलान के तटबंधों के मजबूतीकरण, बराज और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया. मालूम हो कि पहली बार ‘शीट पाइलिंग’ और ‘जियो बैग पिचिंग’ जैसी आधुनिकतम तकनीक का उपयोग इस साल किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दरभंगा पहुंच कर निर्माणाधीन एयरपोर्ट की हवाई पट्टी, हवाई अड्डा टर्मिनल आदि का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली. साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन से बात कर निर्माण कार्यों की प्रगति से अवगत कराया. उन्होंने भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के डीजीएम को हवाई पट्टी और टर्मिनल भवन के शेष कार्य को तीव्र गति से पूरा करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि दरभंगा का हवाई अड्डा अत्यंत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इसके शुरू होने से दरभंगा सहित पूरे उत्तर बिहार के लोगों को हवाई यात्रा में सहूलियत होगी. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी से दूरभाष पर वार्ता कर फंड की समस्या का हल तत्काल निकालने का अनुरोध किया. साथ ही भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के चेयरमैन से बात कर फंड की समस्या को दूर करने के साथ-साथ अन्य सभी बाधाओं का भी शीघ्रता से समाधान करने का आग्रह किया. मालूम हो कि हवाई पट्टी का 55 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया है.
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सड़क मार्ग से मधुबनी जिले के जयनगर पहुंच कर कमला बलान के तटबंधों के मजबूतीकरण, बांध और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का निरीक्षण किया. साथ ही मालूम हो कि पिछले साल 13 जुलाई, 2019 को कमला बलान के नेपाल प्रभाग के जलग्रहण क्षेत्र में भीषण बारिश के बाद कमला बलान का जलस्तर सभी पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए झंझारपुर रेल पुल पर 54.5 मीटर हो गया था. इससे पहले यहां का अधिकतम जलस्तर 1987 में 54.34 मीटर रहा था.
पानी के अत्यधिक दबाव के कारण कमला बलान का बायां तटबंध दो स्थलों पर तथा दायां तटबंध 6 स्थलों पर क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद तटबंध के मजबूतीकरण के लिए आइआइटी, रुड़की से तटबंधों के टूटने के कारणों का अध्ययन कराया गया और तकनीकी सेवाएं ली गयी. आइआइटी से प्राप्त रिपोर्ट के बाद सर्वोत्तम एवं आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए ब्रीच क्लोजर का कार्य कराया जा रहा है. इसमें ‘शीट पाइलिंग’ और ‘जियो बैग पिचिंग’ तकनीक का उपयोग बिहार में पहली बार हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां पिछली बार कटाव हुआ था, उन स्थलों पर सुरक्षा को लेकर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का कार्यान्वयन पूरी तत्परता से करें. बाढ़ सुरक्षा से संबंधित सभी लंबित योजनाओं को नेपाल के भी संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य को शीघ्र पूरा करें.
उन्होंने तटबंधों की मजूबती को लेकर किनारे पौधरोपण करने का निर्देश दिया. इससे रिसाव भी नियंत्रित होगा. सभी तटबंधों के महत्वपूर्ण और स्ट्रैटिजिक स्थानों पर बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण पर्याप्त मात्रा में रखने का निर्देश दिया, ताकि बाढ़ की स्थिति में निरोधात्मक कार्य सुचारू रूप से किया जा सके. मालूम हो कि कोसी बेसिन में प्रस्तावित 22 कार्यों में से 15 अदद कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है. शेष सात कार्यों में तेजी लाकर शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया.