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विधि विभाग से हटाये गये कार्तिकेय कुमार, शमीम अहमद अब संभालेंगे विधि विभाग की जिम्मेदारी

कार्तिकेय कुमार अब विधि विभाग के मंत्री नहीं होंगे. इसकी जगह उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद अब विधि विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2022 8:54 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवादों में घिरे विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार में उनका विभाग बदल दिया गया है. कार्तिकेय कुमार अब विधि विभाग के मंत्री नहीं होंगे. इसकी जगह उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद अब विधि विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे.

विवादों में घिर गए थे विधि मंत्री

दरअसल, मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है.

वारंट पर विपक्ष था हमलावर

कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है, ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

शमीम अहमद होंगे नये विधि मंत्री 

मंत्री की फजीहत के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर बड़ा फैसला ले लिया है. कार्तिकेय सिंह से विधि विभाग वापस ले लिया गया है और अब उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, अब विधि विभाग की ज़िम्मेदारी गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को दी गई है.

विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है, लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. एक महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

कई थानों में हैं मामले दर्ज

दरअसल, मंत्री कार्तिकेय कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है.

दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई

16 अगस्त को कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं.

बोले मंत्री

“मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है”

– कार्तिकेय सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

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