मुख्यमंत्री ने सिंचाई और राष्ट्रीय गाद नीति बनाने की रखी मांग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 24वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्य में सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाने व बाढ़ के समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद नीति बनाने की मांग रखी.

By Pritish Sahay | February 29, 2020 5:58 AM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 24वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्य में सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाने व बाढ़ के समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद नीति बनाने की मांग रखी. इसके अंतर्गत उन्होंने महानंदा सिंचाई परियोजना, तिलैया ढाढर, उत्तर कोयल, बटाने व धनारजै जलाशय योजना के मुद्दों को उठाया. उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में इन मुद्दों को उठाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहल की थी.

उत्तर कोयल जलाशय योजना पर काम शुरू हुआ, लेकिन अन्य योजनाओं का निराकरण अब तक नहीं हो पाया है. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन भुवनेश्वर में किया गया था. बैठक में पश्चिम बंगाल से महानंदा सिंचाई परियोजना के तहत पानी उपलब्ध कराने की मांग रखी. साथ ही बिहार को जल आपूर्ति के लिए पश्चिम बंगाल में बचे हुए कार्यों को भी जल्द पूरा करने का अनुरोध किया.

1978 में एकरारनामा के अनुसार महानंदा नदी पर पश्चिम बंगाल में स्थित फुलवारी बराज से बिहार के किशनगंज जिले में 67 हजार एकड़ जमीन में खरीफ सिंचाई के लिए 90 फीसदी, रबी में 28 फीसदी और गरमा के लिए 31 फीसदी पानी उपलब्ध करने का प्रावधान है.

तिलैया ढाढर परियोजना : तिलैया ढाढर परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड से आवश्यक पानी नहीं मिलने से केवल 6900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहर प्रणाली विकसित की जा सकी है.

बटाने जलाशय योजना : मुख्यमंत्री ने कहा कि बटाने जलाशय योजना बिहार और झारखंड की संयुक्त परियोजना है. इसमें बिहार में औरंगाबाद जिले के 10720 हेक्टेयर और झारखंड में पलामू जिले के 1406 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा विकसित होगी. पलामू जिले में बांध और इसके तीन किमी नीचे बराज बन चुका है. वहां ग्रामीणों का पुनर्वास नहीं होने से डैम के स्पील-वे गेट को वेल्डिंग कर ग्रामीणों ने बंद कर दिया है. इससे औरंगाबाद जिले में पटवन नहीं हो पाता है.

धनारजै जलाशय योजना : धनारजै जलाशय योजना में झारखंड सरकार द्वारा बराज बनाने के लिए डीपीआर तैयार करने की सहमति दी गयी है, लेकिन सर्वे और अन्य काम के लिए झारखंड सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है.

राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ रोकने के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति की चर्चा की और फरक्का बराज का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि गाद की समस्या के चलते गंगा की अविरलता घट रही है.

इसलिए गंगा नदी की अविरलता को बरकरार रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक गाद प्रबंधन नीति बनाने की आवश्यकता है. यह नीति पर्यावरणीय और पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल होनी चाहिए.

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