Bihar: तारापुर के शहीद स्मारक पार्क का सीएम नीतीश ने किया उद्घाटन, जानें 1932 की गोलीकांड के बारे में…
तारापुर गोलीकांड में शहीद हुए रणबांकुरों की याद में बनाये गये शहीद स्मारक पार्क का वर्चुअल उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से किया.
15 फरवरी 1932 में शहीद हुए रणबांकुरों की याद में बनाये गये शहीद स्मारक पार्क का वर्चुअल उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से किया. इसमें तेरह ज्ञात शहीदों की प्रतिमा एवं 21 अज्ञात शहीदों की भित्ति चित्र लगायी गयी है.
जालियांवाला बाग के समान ही तारापुर गोली कांड
उद्घाटन समारोह को देखने के लिए तारापुर थाना में बन रहे पंडाल में बड़ा स्क्रीन लगाया गया. एक स्क्रीन शहीद स्मारक पार्क पर भी लगा. जहां से आमजन उद्घाटन समारोह को देख पाये. देश के स्वाधीनता इतिहास में जालियांवाला बाग की ऐतिहासिक घटना के समकक्ष तारापुर गोली कांड को देखा जाता है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था निरीक्षण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 8 दिसंबर को शहीद स्मारक स्थल पर निरीक्षण किया गया था तथा शहीद पार्क के संबंध में विस्तार से निर्देश दिये गये थे. उसी समय यह तय कर दिया गया था कि 15 फरवरी 2022 को शहीद पार्क बनकर तैयार हो जायेगा जो स्थानीय जनता को समर्पित होगा.
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शहीदों में ये शामिल
ज्ञात शहीदों में छतहार के विश्वनाथ सिंह, रामचुआ के महिपाल सिंह, असरगंज के शीतल चमार, तारापुर के सुकुल सुनार एवं संता पासी, सतखरिया के झोंटी झा, बिहमा के सिंघेश्वर राजहंस, धनपुरा के बद्री मंडल, लौढिया के बसंत धानुक, पढ़वारा के रामेश्वर मंडल, महेशपुर के गैबी सिंह, कष्टिकरी के अशर्फी मंडल, चोर गांव के चंडी महतो शामिल है. झंडा फहराने वाले जत्था में सुपौल जमुआ के मदन गोपाल सिंह, त्रिपुरारी सिंह, महेशपुर के महावीर प्रसाद सिंह, पसराहा के परमानंद झा, चनकी के कार्तिक मंडल शामिल थे.
झंडा फहराने के दौरान शहीद हुए थे क्रांतिकारी
यहां आजादी के दीवाने ब्रिटिशकालीन थाना भवन पर भारत का राष्ट्रीय झंडा फ़हराने के लिए जा रहे थे. उन्हें रोकने के लिए मुंगेर के तत्कालीन जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक प्रशासनिक बल के साथ मौजूद थे. बावजूद मदन गोपाल सिंह के नेतृत्व में गठित धावा दल के सदस्यों को रोकने में प्रशासन नाकामयाब रही और क्रांतिकारी वीरों पर गोलियां चला दी फिर भी क्रांतिकारी वीर झंडा फहराने में कामयाब रहे.
पुलिस की गोली में अनगिनत लोग शहीद
पुलिस की गोली में अनगिनत लोग शहीद हुए. जिसमें 34 लोगों का शव बरामद किया जा सका. उसमें 21 लोगों की पहचान नहीं हो पाई तथा 13 की पहचान हो पाई. अनगिनत लोग जख्मी भी हुए थे. वहीं ब्रिटिश हुकूमत द्वारा शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के शव को गाड़ियों पर लाद कर सुल्तानगंज स्थित गंगा नदी में बहा देने की बात भी कही जाती है.
प्रधानमंत्री ने मन की बात में भी की है तारापुर के शहीदों की चर्चा
देश की आजादी की लड़ाई के दौरान तारापुर के रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देने में तनिक भी संकोच नहीं किया. इन्हीं अमर सेनानियों की याद में बना शहीद स्मारक और ब्रिटिशकालीन थाना भवन उनकी शहादत की कहानी बयां कर देती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में भी तारापुर के शहीदों की चर्चा की गयी थी.
भवन निर्माण विभाग द्वारा नये स्वरूप के साथ शहीद स्मारक पार्क का निर्माण
भवन निर्माण विभाग द्वारा नये स्वरूप के साथ शहीद स्मारक पार्क का निर्माण किया गया है. ब्रिटिशकालीन थाना भवन जिस पर 15 फरवरी 1932 को आजादी के दीवानों ने हंसते-हंसते भारत माता को अंग्रेजों की दास्तां से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देकर तारापुर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित कराया था, उस स्मारक को नया स्वरूप दिया जा रहा है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan