Lalu Yadav: ‘लालू डरे हुए हैं कि NDA ने उन्हें फिर हरा देगी’, राजद सुप्रीमो के ऑफर पर जमकर बरसे सम्राट चौधरी
Lalu Yadav: बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि लालू यादव लोकसभा चुनाव 2024 के बाद डरे हुए हैं. एनडीए एकजुट है और 2025 के विधानसभा चुनाव में हम फिर से राजद को हराएंगे.
Lalu Yadav: आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर नीतीश कुमार को साथ आने का ऑफर दिया है. लालू यादव से जब सवाल किया गया कि क्या सीएम नीतीश कुमार के लिए आपका दरवाजा खुला है? इसके जवाब में राजद सुप्रीमो ने साफ कहा, ‘मेरा दरवाजा तो हमेशा खुला है. अब नीतीश कुमार को भी अपना दरवाजा खुला रखना चाहिए. किसी को माफ करना मेरा काम रहा है. इस बार भी उन्हें माफ कर देंगे. खुद ही बार- बार चले जाते हैं. यदि आएंगे तो माफ कर देंगे. हम सब लोग मिलकर काम करेंगे.’ लालू यादव के इस ऑफर पर अब बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है.’
क्या बोले डिप्टी सीएम
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने RJD प्रमुख लालू यादव के बयान पर कहा, “नीतीश कुमार लालू यादव का नस-नस जानते हैं कि कैसे उन्होंने बिहार को लूटा है. डरी हुई पार्टी का क्या है, ये तो डरे हुए लोग हैं. लालू यादव डरे हुए हैं कि NDA ने उन्हें लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हराया है, ये फिर से विधानसभा चुनाव 2025 में हरा देंगे. लालू यादव के परिवार में वो एकलौते नेता हैं. उनके बाद सब उनको देखकर आगे बढ़ेगा.”
ललन सिंह बोले- एनडीए एकजुट
लालू यादव के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आने के खुले ऑफर दिए जाने पर जदयू के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हम लोग एनडीए में हैं. लालू यादव क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते हैं, यह लालू यादव से पूछिए. हमलोग एनडीए में हैं और मजबूती के साथ हैं. तेजस्वी यादव के इस साल सरकार बनाने के बयान पर भड़कते हुए ललन सिंह ने कहा कि कौन क्या बोलता है, इसपर प्रतिक्रिया देते रहें. बोलने की आजादी है और जब आजादी है तो कुछ भी बोलते रहें.
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कांग्रेस ने भी किया लालू यादव के बयान का समर्थन
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा, “हमारी बात बहुत अलग है, क्योंकि कांग्रेस विचारों पर चलने वाली पार्टी है. हमारा विचार यह कहता है कि हम गांधीवादी लोग हैं और गांधी पर विश्वास करते हैं. हम गांधी के संघर्ष और संविधान पर विश्वास करते हैं. गोडसेवादी विचारधारा अलग है इसलिए हमारा कहना है कि जो लोग गोडसे की नीति को छोड़कर गांधी के रास्ते पर चलना चाहते हैं और गांधी जी को अपनाते हैं उनका स्वागत है. सामाजिक न्याय, सामाजिक एकता, आर्थिक तरक्की, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक कैसे मदद पहुंचाई जाए? इसे लेकर हम गंभीर हैं. गोडसेवादी विचारधारा सभी को पता है. अगर गोडसेवादियों को छोड़कर कोई भी हमारे साथ आता है तो उसका स्वागत है.”
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