बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के विद्यालय आने-जाने के समय को लेकर काफी दिनों से विवाद छिड़ा हुआ है. विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से जो आदेश जारी किया गया है उससे संशय की स्थिति बनी हुई है. बुधवार को शिक्षा विभाग का एक लेटर वायरल हुआ जिसमें स्कूल की टाइमिंग में बदलाव का जिक्र था. लेकिन बाद में शिक्षा विभाग की ओर से इसे फर्जी लेटर करार दिया गया. वहीं गुरुवार को विधानसभा में भी यह मुद्दा फिर एकबार उछला. माले के सदस्यों ने इसे लेकर हंगामा किया. वहीं शिक्षकों के आने-जाने के समय को लेकर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आज समीक्षा होगी. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी घोषणा की है.
नीतीश कुमार की उपस्थिति में होगी बैठक
बिहार में शिक्षकों के स्कूल आने-जाने के समय का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से गरमाया हुआ है. इसे लेकर सियासत भी तेज हो चुकी है. बुधवार को सदन के बाहर माले के सदस्यों ने इसे मुद्दा बनाकर नारेबाजी की. वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार की उपस्थिति में गुरुवार को ही शिक्षकों की टाइमिंग को लेकर एक बैठक होगी. मुख्यमंत्री की पूर्व में की गयी घोषणा को लागू कराया जाएगा.
सीएम नीतीश कुमार ने की थी घोषणा..
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि कक्षाओं का संचालन सुबह दस बजे से शाम 4 बजे तक ही होगा. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव के के पाठक के निर्देश पर फरमान जारी किया कि कक्षाएं 10 बजे से 4 बजे तक ही लगेंगी. लेकिन शिक्षकों को सुबह 9 बजे आकर स्कूल के अन्य कामों को संपन्न करना होगा. जबकि 4 बजे के बाद मिशन दक्ष की क्लास लेकर शिक्षक 5 बजे ही स्कूल से जाएंगे.
के के पाठक का क्या है आदेश..
वहीं सदन में फिर से विपक्ष ने सरकार को घेरा. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शिक्षा विभाग के जारी आदेश का जब विरोध किया तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में स्पष्ट किया था कि शिक्षक पौने 10 बजे आएंगे और सवा 4 बजे स्कूल से जाएंगे. सीएम की इस घोषणा के बाद अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने जिलों में भ्रमण के दौरान शिक्षकों से कहा कि वो कक्षा शुरू होने से थोड़ा पहले आएंगे और कक्षा संपन्न कराने के थोड़े देर बाद जाएंगे. यहां अपर मुख्य सचिव के ‘थोड़ा पहले और थोड़ा बाद’ ने सबको संशय में रखा.
शिक्षा मंत्री ने कर दिया है क्लियर..
मुख्यमंत्री की घोषणा को ही शिक्षा मंत्री ने सबकुछ बताया और साफ किया है कि जो सीएम ने कह दिया है वही लागू होगा. जबकि विपक्ष लगातार के के पाठक पर निशाना साधकर मुख्यमंत्री की घाेषणा के बाद भी शिक्षकों के स्कूल आने-जाने के समय को लेकर शिक्षा विभाग के रवैये पर सवाल खड़ा करता रहा है. वहीं बुधवार को एक वायरल लेटर ने मामले को और तूल दे दिया.
वायरल लेटर ने फैलाया भ्रम..
शिक्षा विभाग की ओर से एक अधिसूचना बुधवार को वायरल हुई कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक 9: 45 बजे अपने स्कूल पहुंचेंगे. 4:15 बजे स्कूल बंद होने के बाद वह अपने घर रवाना हो जाया करेंगे. शिक्षक काफी दिनों से अपने स्कूल आने और जाने के संदर्भ में स्पष्ट विभागीय आदेश की प्रतीक्षा में थे. दरअसल 28 नवंबर 2023 की अधिसूचना के तहत अभी तक शिक्षकों को सुबह नौ बजे स्कूल पहुंचना पड़ रहा था और शाम 5 बजे तक रूकना पड़ रहा था. लेटर वायरल होने के बाद खबर उड़ी कि शिक्षा विभाग ने 28 नवंबर की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. लेकिन थोड़ी ही देर के बाद शिक्षा विभाग की ओर से लेटर जारी करके बताया गया कि छुट्टी के नियम को लेकर वायरल हुआ लेटर फर्जी है.