बिहार की प्रामरी शिक्षा में भोजपुरी को शामिल करने का प्रयास, सीएम नीतीश ने मैथिली को लेकर भी कही बड़ी बात
बिहार में भोजपुरी भाषा को प्राइमरी एजुकेशन में शामिल करने को लेकर शिक्षा विभाग बड़ी पहल कर सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. वहीं झारखंड में हाल के प्रकरण को लेकर निंदा की है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि भोजपुरी भाषा को प्राइमरी एजुकेशन में शामिल करने को लेकर शिक्षा विभाग इस पर गौर करेगा. जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजपुरी सिर्फ बिहार की ही नहीं, बल्कि यह यूपी और झारखंड में भी बोली जानेवाली भाषा है. छत्तीसगढ़ में भी कई लोग यह भाषा बोलते हैं. भोजपुरी का बड़ा एरिया व बड़ी प्रतिष्ठा है. इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व भी है. शिक्षा विभाग इसको जरूर देखेगा. इसके लिए अलग से कुछ भी करना होगा, तो हमलोग करेंगे.
झारखंड में जो हुआ वह बहुत गलत है
सीएम ने कहा कि अभी झारखंड में जो हुआ, वह बहुत गलत है. जब बिहार-झारखंड एक था, तो यह भाषा कई जिलों में बोली जाती थी. उसी तरह से मगही का भी महत्व है. सीएम ने कहा कि कई बार हम भोजपुरी के सम्मेलन में गये हैं. हम मगही इलाके के हैं, लेकिन कभी-कभी भोजपुरी में भी बोलने की कोशिश की है.
मैथिली को लेकर बोले सीएम
नीतीश कुमार ने कहा कि लैंग्वेज को महत्व मिले, इसके लिए हमलोग काम करते ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी आये थे, उस समय भी हमने मैथिली भाषा के लिए कहा था. एक महीने के अंदर उसको संविधान की आठवीं सूची में डाल दिया गया.
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जमुई में स्वर्ण का भंडार मिलने पर बोले
मुख्यमंत्री ने जमुई में स्वर्ण का भंडार मिलने से बिहार को ज्यादा राॅयल्टी मिलने से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर कहा कि यह बहुत खुशी की बात है. हमलोग तो प्रारंभ से ही इसके बारे में कह रहे थे. जिन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में पता चला है, वहां जाकर हमलोग उसके संबंध में जानकारी लेते हैं. बिहार में कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर कई सारी चीजें हैं. यहां एक ही जगह नहीं, कई अन्य जगहों पर खान मिल सकता है. इसके लिए जरूर केंद्र सरकार को भी कहेंगे. हमलोग तो चाहते हैं कि सब जगहों के बारे में पूरी जानकारी मिले.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan