Liquor Ban In Bihar: नीतीश कुमार ने शराब मामले में पहली बार मिली फांसी की सजा पर कही ये बात, शराबबंदी लागू करने का बताया कारण…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी बहुत जरूरी कदम था. महिलाएं काफी परेशान थीं. धीरे-धीरे इसका असर हो रहा है. कुछ लोग तो गड़बड़ी करने में लगे रहते हैं. ऐसे में सजा का प्रावधान है. शराब से कई लोगों की जान चली गयी. सजा मिलने से लोगों में डर होगा और उसका और अधिक असर पड़ेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी बहुत जरूरी कदम था. महिलाएं काफी परेशान थीं. धीरे-धीरे इसका असर हो रहा है. कुछ लोग तो गड़बड़ी करने में लगे रहते हैं. ऐसे में सजा का प्रावधान है. शराब से कई लोगों की जान चली गयी. सजा मिलने से लोगों में डर होगा और उसका और अधिक असर पड़ेगा.
वे शनिवार को टीपीएस कॉलेज में संस्थापक स्व ठाकुर प्रसाद सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण और नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि टीपीएस कॉलेज में आकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई. इस कॉलेज ने काफी विकास किया है. राज्य सरकार इस कॉलेज की कमियों को दूर करेगी.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर टीपीएस कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष व शायर प्रो अबू बकर रिजवी की पुस्तक ‘शीन मुजफ्फरपुरी’ का विमोचन भी किया. इससे पहले कॉलेज की एनसीसी इकाई ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. समारोह में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे.
वहीं भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि गोपालगंज खजूरबानी जहरीली शराब कांड में गरीबों को फंसाया गया है. इसमें असली अपराधियों को बचाने का खेल चला है. हर कोई जानता है कि राजनेता और प्रशासन व शराब माफिया गठजोड़ के तहत बिहार में शराब का कारोबार बखूबी जारी है.
कुणाल ने कहा कि गरीब समुदाय से आने वाले 10 लोगों को फांसी की सजा व चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सही नहीं है. पार्टी इस फैसले का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि घटना की जांच में विधायक दल के नेता महबूब आलम, राज्य स्थायी समिति सदस्य राजाराम व गोपालगंज जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया शामिल थे.
Posted By: Thakur Shaktilochan