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सीएम नीतीश कुमार ने की जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा, सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा लगाने का दिया निर्देश

जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें. यही अक्षय ऊर्जा है. मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरण लगाने और रखरखाव का प्रबंध सुनिश्चित करें. उन्होंने गंगाजल आपूर्ति योजना और फल्गु नदी में रबड़ डैम का निर्माण जल्द पूरा करने सहित सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करने के लिए अधिकारियों काे निर्देश दिया है.

जल-जीवन-हरियाली से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए संबद्ध विभाग आपस में विमर्श कर कार्य योजना बनाएं. मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहीं. इस बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में किया गया था.

सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्देश 

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें. यही अक्षय ऊर्जा है. प्रकृति प्रदत्त है और सदैव रहेगा. मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गंगा जलापूर्ति योजना’ का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें, इस काम में तेजी लायें ताकि नवादा, राजगीर गया और बोधगया में जलापूर्ति का काम जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.

सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने का प्रबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि गया के विष्णु पद मंदिर के निकट फल्गु नदी में रबड़ डैम के बन जाने से पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों को काफी सहूलियत होगी. वज्रपात के कारण लोगों की मृत्यु की सूचना मिलने पर काफी दुख होता है. इसको ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने का प्रबंध करें.

2012 में हरियाली मिशन की हुई थी स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में मिलने वाली बिजली के उपयोग की एक सीमा है. पहले बिहार का हरित आवरण काफी कम था. वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर काफी संख्या में पौधे लगाये गये. इसका परिणाम है कि अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है. हम लोगों ने बिहार की आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण की सीमा को 17 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है.

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जल संचयन क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश 

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन, तालाब, पोखर, कुओं और चापाकलों को अधिक से अधिक चिह्नित कर उसे अतिक्रमण मुक्त कराएं. अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए समुचित कार्रवाई करें. जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें. सभी सार्वजनिक कुओं को चिह्नित कर उनका जल्द से जल्द जीर्णोद्धार कराएं. इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सहूलियत मिलती है. सभी सार्वजनिक चापाकलों और कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लायें.

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