पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सिंचाई के लिए हर खेत तक पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. इसके लिए प्लॉटवार सर्वे कराया जाये, ताकि सिंचाई की अधिकतम क्षमता और लक्ष्य का सही आकलन किया जा सके. टीमें बनाकर सर्वे में यह भी आकलन कराएं कि किस क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई करायी जाये. इस काम में स्थानीय लोगों से भी मिलकर विचार-विमर्श करें.
सिंचाई क्षमता का आकलन कराएं. मुख्यमंत्री रविवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में जल संसाधन विभाग की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान विभाग की तरफ से उत्कृष्ट सिंचाई उन्नत फसल अभियान, बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3बी और 5 का प्रेजेंटेशन दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि किस क्षेत्र में पानी की कितनी उपलब्धता है, किस एरिया में कैसे पानी पहुंचेगा, इसका आकलन करें. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रणनीति बनाएं. मालूम हो कि नीतीश कुमार ने एलान किया है कि हर घर तक नल का पानी व िबजली पहुंचाने के बाद अब अगली बार फिर सत्ता में आने पर हर खेत तक पानी पहुंचायेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की संभावनाओं को तलाशें. मॉनसून के दौरान बारिश के जल के अधिक-से-अधिक संचय और उपयोग की योजना बनाएं. उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए सतही जल का उपयोग अधिक-से-अधिक हो सके, इसके लिए भी योजना बनाएं. रेन वाटर हार्वेंस्टिंग का ज्यादा-से-ज्यादा उपयोग कर भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए करें. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के निचले इलाकों में ग्राउंड वाटर हार्वेंस्टिंग का कार्य करें. इससे जलजमाव से निजात मिल सकेगी तथा भू-जल स्तर भी मेनटेन रहेगा. मुख्यमंत्री ने बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3बी और 5 के प्रेजेंटेशन के क्रम में निर्देश दिया कि तटबंधों के निर्माण के दौरान उसकी मजबूती के लिए यथासंभव आयरन सीट पायलिंग का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि कुशेश्वर स्थान में बाढ़ से सुरक्षा और जल निकासी के लिए सुदृढ़ीकरण का काम जल्द करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौर क्षेत्र के एक भाग में जल संचयन के लिए नीचे मछली पालन, ऊपर बिजली के कॉन्सेप्ट पर तेजी से काम करें. साथ ही दूसरे भाग में फल, सब्जी और अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा दें. इससे दोगुना फायदा होगा.