मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुरक्षा घेरा होगा और मजबूत, बख्तियारपुर में हुई घटना के बाद अब ये होगा बदलाव..
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा अब बढ़ायी जाएगी. बख्तियारपुर में हुई घटना के बाद अब सीएम नीतीश कुमार की सेक्युरिटी में बदलाव किया जाएगा. वर्मा आयोग की अनुशंसा का पालन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ हाल में बख्तियारपुर में हुई घटना के मद्देनजर उनकी सुरक्षा व्यवस्था की सघन समीक्षा की गयी है. अब सीएम की सुरक्षा में सभी मानकों का पालन केंद्र सरकार द्वारा 1991 में गठित वर्मा आयोग की अनुशंसा के आधार पर किया जायेगा. इसे लेकर एडीजी (विशेष सुरक्षा शाखा) ने सभी रेंज के आइजी, डीआइजी के अलावा सभी डीएम व एसपी को आदेश दिया है.
वर्तमान में मुख्यमंत्री को जेड प्लस की श्रेणी और एसएसजी की सुरक्षा
वर्तमान में मुख्यमंत्री को जेड प्लस की श्रेणी और एसएसजी की सुरक्षा मिली हुई है.आदेश में सीएम के सभी कार्यक्रमों में पहले से कंटिजेंसी प्लान बनाकर रखने को कहा गया है, ताकि कभी भी जरूरत पड़ने पर इसका पालन किया जा सके. इस प्लान को कार्यक्रम के पहले विशेष सुरक्षा दल के पदाधिकारियों के साथ साझा करना होगा.
असामाजिक तत्वों की पहचान कर कार्रवाई
वर्तमान में कोरोना से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का भी पालन करने के लिए कहा गया है. किसी कार्यक्रम या स्थल भ्रमण या पैदल भ्रमण के दौरान असामाजिक तत्वों की पहचान कर इन पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए पदाधिकारी या मजिस्ट्रेट की तैनाती भी संबंधित स्थल पर रहेगी.
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सुरक्षाकर्मियों के पास रहेंगे आइकार्ड
सीएम की सुरक्षा में तैनात होने वाले सभी सुरक्षा कर्मियों या पदाधिकारियों के पास वैध आइकार्ड मौजूद रहेंगे. ये कर्मी सीएम को भीड़ से दूर रखेंगे. इस घेरे में किसी बाहरी लोगों को प्रवेश करने से रोका जायेगा और किसी भी कार्यक्रम स्थल पर बिना चेकिंग के किसी व्यक्ति का प्रवेश नहीं होगा. जहां कार्यक्रम होगा, वहां के डीएम एवं एसपी को सभी मानकों और सुरक्षा चेकिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करते हुए एक संयुक्त आदेश जारी किया जायेगा. इसकी जानकारी एसएसजी मुख्यालय और अन्य वरीय पदाधिकारियों को उपलब्ध कराया जायेगा.
कारकेड का मूवमेंट भी रहेगा सुरक्षा के दायरे में
इस आदेश में हेलीपैड, डी-एरिया, कारकेड का मूवमेंट समेत अन्य सभी पहलुओं पर अलग-अलग स्तर पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित दिशा-निर्देश का पालन करने से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना भेजी गयी है.
वर्मा कमीशन के बारे में
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. कमेटी ने प्रधानमंत्री समेत वीवीआइपी की सुरक्षा के लिए अपने सुझाव दिये थे. इन्हीं सुझावों के आधार पर पीएम समेत मौजूदा वीवीआइपी को सुरक्षा मुहैया करायी जाती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan