नीतीश कुमार की यात्राएं-2 : गढ्ढे में होती थी सड़क, घंटे में मापी जाती थी दूरियां, एनएच पर भी चलने से घबराते थे ड्राइवर
Nitish Kumar Yatra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर प्रदेश की यात्रा पर हैं. 2005 में नवंबर महीने में मुख्यमंत्री बनने के पूर्व वे जुलाई महीने में न्याय यात्रा पर निकले थे. यह उनकी पहली यात्रा थी. यात्रा के दौरान उन्होंने प्रदेश की जो हालत देखी, उसके आधार पर उन्होंने लोगों के समक्ष सरकार बनने के बाद विकास का खांका खीचा था. लोगों ने उन्हें उम्मीदों का नेता बताया. नीतीश कुमार की अब तक 15 से अधिक यात्राएं हो चुकी हैं. आइये पढ़ते हैं इन यात्राओं के उद्देश्य और परिणाम के बारे में प्रभात खबर पटना के राजनीतिक संपादक मिथिलेश कुमार की खास रिपोर्ट की दूसरी कड़ी..
Nitish Kumar Yatra: पटना से बेगूसराय होते हुए जब हमारी पुरानी एम्बेसेडर गाड़ी नेशनल हाइवे संख्या 28 पर हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ रही थी, तब शुरूआत में ऐसा सोचा भी नहीं था कि दिन की समाप्ति बेहद निराशाजनक माहौल में होगी. महेशखुट से आगे बढ़ने पर बायी ओर खगड़िया के रास्ते में हमें मुड़ना था, लेकिन ड्राइवर ने बताया कि अभी आगे ही चलना है. कहने को तो वो सड़क नेशनल हाइवे थी, पर हर सौ मीटर की दूरी पर कोई बड़ी गाड़ी ट्रक, जीप या दूसरी गाड़ी गढ्ढे में उलटी दिख रही थी. एक ओर दियारा का पानी भरा इलाका, दूसरी ओर रेलवे लाइन. शाम चार बजे के करीब जब हम किसी कस्बानुमा जगह पर पहुंचे ओर पान की दुकान पर नौगछिया लिखे होने पर नजर पड़ी तो माथा ठनका. कार से उतर पान वाले दुकानदार से बात की तो पता चला हमलोग नौगछिया पहुंच चुके हैं. महेशखुट वाली सड़क तो काफी पीछे छोड़ आये हैं. अब उस रास्ते पर पहुंचने का एक ही विकल्प था, पीछे लौट जाना. पान वाले ने हंसते हुए अपनी सलाह दी, पर वो सलाह मेरे लिए इतनी पीड़ा दायक थी कि मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. अपनी किस्मत को मैं कोस रहा था और फिस उसी गढ्ढेनुमा सड़क, जिसे मैं डरावना सपना समझ भूलने की कोशिश कर रहा था, उसी डगर पर फिर जाना था. ऐसी स्थिति उन दिनों कमोवेश सभी सड़कों की थी. मन मसोस कर उसी सड़क पर फिर लौट चला. योजना यह थी कि मैं खगड़िया की सभा में न्याय यात्रा में शामिल हो जाउं, पर जैसा मैने बताया उन दिनों जगह की दूरी किलोमीटर से नहीं बल्कि घंटे से नापी जाती थी, मैं खगड़िया नहीं पहुंच पाया. अंधेरी रात में, बारिश के मौसम में गढ्ढेनुमा सड़क से गुजरते हुए अब मधेपुरा की ओर हमारी गाड़ी बढ़ रही थी. रात्रि के करीब साढ़े 10 बजे हम मधेपुरा पहुंचे, जहां कुछ ही देर पूर्व नीतीश कुमार और शरद यादव की सभा समाप्त हुई थी. मुझे कुछ देर भटकने के बाद सैयद शाहनवाज हुसेन का संपर्क नंबर मिला. अगले कुछ पलों में मैं उनकी गाड़ी पर सवार हो सुपौल की ओर निकल पड़ा, जहां अगले दिन न्याय यात्रा की सभा आयोजित थी.
साफ झलकता था इलाके के पिछड़ेपन का दर्द
न्याय यात्रा के दौरान नीतीश कुमार की सभा पूर्णिया जिले की धमदाहा में हुइ थी. मुझे स्मरण हो रहा है, रास्ते में एक स्कूल भवन में नास्ते का प्रबंध था. वहां की वर्तमान में मंत्री लेशी सिंह भी मौजूद थीं. नास्ते के टेबल पर हम लोगों के साथ नीतीश कुमार भी बैठते. उनके चेहरे पर इलाके के पिछड़ेपन का दर्द साफ झलकता था. आसपास के इलाकों में सभा के बाद धमदाहा के एक बड़े मैदान में सभा आयोजित की गयी थी. इस सभा में पूर्व मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्र भी मौजूद थे. जिले में नीतीश कुमार के आने की सूचना से राजनीतिक हलचल तेज हो गयी थी. मुझे याद है, धमदाहा में सभा होते-होते देर शाम हो चुकी थी. बड़ा सा मंच था, सामने विशाल भीड़ बारिश के बावजूद नीतीश कुमार को सुनने को जमा थी. नीतीश कुमार लोगों से न्याय की बात करते, गुड गवर्नेंस की बात करते और सामाजिक सद्भाव की बात करते. नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए को अवसर मिला तो राज्य के नागरिकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा. नीतीश ने कहा कि सबसे पहले सड़कों की स्थिति में सुधार किया जायेगा. धमदाहा इलाके में उन दिनों सड़कें जर्जर हालत में थी. बरसात के मौसम में खस्ताहाल सड़कों से गुजरना कठिन था. इस दौरान रास्ते में कई नुक्कड़ सभाओं को भी नीतीश कुमार ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मौका मिलेगा तो सुंदर और स्वस्थ्य बिहार का निर्माण किया जायेगा.
आप एनडीए के साथ न्याय कीजिये हम आपके साथ करेंगे
न्याय यात्रा के तीसरे चरण के अंतिम दिन नीतीश कुमार आठ अगस्त, 2005 को किशनगंज पहुंचे थे. किशनगंज में उन दिनों वहां के तत्कालीन नेता तस्लीमुद्दीन का प्रभाव था. तस्लीमुद्दीन के प्रभाव वाले पूर्णिया, किशनगंज और अररिया के कई इलाकों में नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं के साथ बैठक की और पब्लिक मीटिंग को संबोधित किया. अकलियतों की जमात को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने किशनगंज की रूइ तासा मैदान में कहा आप एनडीए को समर्थन दीजिये हम आपके साथ न्याय करेंगे. नीतीश ने कहा कि सरकार बनने पर किशनगंज समेत सीमांचल के इलाकों का विकास होगा.एनडीए ने अल्पसंख्यकों को विश्वास दिलाया कि अब राज्य में सांप्रदायिकता कोई मुद्दा नहीं होगा. जोकीहाट की सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार बनी तो सभी के साथ इंसाफ होगा. कसबा की सभा में नीतीश कुमार ने एनडीए को मजबूत बनाने की अपील की.
नीतीश की यात्राएं-1 : न्याय यात्रा में खींचा था बिहार के विकास का खांका