पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अधिवशेन भवन में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 72 वीं समीक्षा बैठक के उद्घाट्न सत्र में शामिल हुए. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 8,386 ग्राम पंचायतों में बैंक शाखा खोलने की जरूरत है. इसमें सरकार बैंकों को पूरी सहायता देगी. नयी बैंक शाखा खोलने के लिए पंचायत सरकार भवनों के साथ-साथ अन्य सरकारी भवनों में जगह उपलब्ध कराया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में क्रेडिट-डिपोजिट रेशियो को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए एनुअल क्रेडिट प्लान के लक्ष्य को बढ़ाना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य है अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना. इसमें बैंकों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाइयां, पशुपालन, मुर्गी पालन, हस्तशिल्प, हस्तकरघा, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में बिहार में रोजगार सृजन की संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि एनुअल क्रेडिट प्लान के अंतर्गत बैंक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा मदद करें. एमएसएमई क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा ऋण उपलब्ध कराने को लेकर लक्ष्य बढ़ाया जाये.
उन्होंने कहा कि सूबे में 9.5 लाख जीविका समूहों का गठन किया जा चुका है. हमारा लक्ष्य 10 लाख जीविका समूहों के गठन का है. जीविका समूह को एक से पांच लाख रुपये तक के ऋण किस्तों में दिये जाते हैं. इसे बढ़ा कर तीन से 10 लाख रुपये करने की जरूरत है. उन्होंने राज्य के सभी लोगों का बैंक अकाउंट खोलने पर विशेष ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य के 8,386 ग्राम पंचायतों में बैंक शाखा खोलने की आवश्यकता है. बिहार में 16 हजार की जनसंख्या पर तथा देश में 11 हजार की जनसंख्या पर बैंक की शाखाएं हैं. बिहार की हर ग्राम पंचायत में बैंक की शाखा खोली जाये, इसमें सरकार बैंकों को पूरी सहायता करेगी. नयी बैंक शाखा खोलने के लिए पंचायत सरकार भवनों के साथ-साथ अन्य सरकारी भवनों में जगह उपलब्ध कराया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग ने किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने के लिए बैकों को अग्रसारित किये गये 3.70 लाख आवेदनों में से अब तक मात्र 50 हजार आवेदनों को ही स्वीकृत किया गया है, इन्हें शीघ्र स्वीकृत कर किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान डीबीटी के जरिये कुल 8500 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद राज्य सरकार ने की है. एक करोड़ 42 लाख राशन कार्डधारियों तथा 21 लाख गैर राशन कार्डधारक योग्य परिवारों के खाते में 1,000 रुपये की राशि अंतरित की गयी है. 84 लाख 76 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों के तीन माह की अग्रिम पेंशन 1,017 करोड़ रुपये की राशि उनके खाते में अंतरित की गयी है.
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कोरोना संक्रमण को लेकर लगाये गये लॉकडाउन के दौरान बैंकों के काम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लैंड लॉक्ड स्टेट है. बिहार में व्यापार बढ़ा है, लोगों की आमदनी बढ़ी है. राज्य में विकेंद्रीकृत तरीके से विकास किया गया है और राज्य की विकास दर 11 प्रतिशत से ऊपर है. कई क्षेत्रों में उद्योग लगाने की संभावना है. लोग इसमें आगे आएं, सरकार हरसंभव मदद करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आये अधिकतर लोग अब बाहर नहीं जाना चाहते हैं. हमारी भी यही इच्छा है. हमलोगों ने सभी का स्किल सर्वे कराया है, ताकि उन्हें राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है. इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल, पक्की नाली, गली का निर्माण, जल-जीवन-हरियाली अभियान, सड़कों का निर्माण, मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिये जा रहे हैं. हर घर बिजली पहुंच गयी है. कृषि के लिए भी अलग से कनेक्शन दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से मास्क, सेनिटाइजर का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की. 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों का विशेष रूप से ख्याल रखने की बात कही. समीक्षा बैठक को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक देवेश लाल, मुख्य महाप्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया महेश गोयल ने भी संबोधित किया.