पटना के स्कूलों में भी चलेंगी सीएनजी बसें, सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए मिला एक महीने का वक्त
परिवहन सचिव ने कहा कि सभी निजी विद्यालय प्रबंधन को एक महीने में वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने, परमिट, बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट व फिटनेस प्रमाणपत्र रखना होगा. विद्यालय प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते हैं. सभी गाड़ियों को फेज वाइज सीएनजी में परिवर्तित किया जाये.
पटना में निजी विद्यालयों में चल रहे स्कूली वाहनों को चरणवार तरीके से सीएनजी में बदलना है. एक माह के अंदर सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने, परमिट, बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट व फिटनेस का पालन करना अनिवार्य है, अन्यथा एक माह बाद जांच के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होने पर कार्रवाई होगी. गुरुवार को परिवहन सचिव पंकज कुमार पाल ने निजी विद्यालय प्राचार्यों व प्रबंधकों के साथ वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने के संबंध में आयोजित बैठक में कहा कि पटना शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने व सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों और मानकों का पालन जरूरी है. उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स की स्थिति चिंताजनक है. बच्चों की सुरक्षा भी जरूरी है.
बढ़ाई जाएगी सीएनजी स्टेशन की संख्या
परिवहन सचिव ने कहा कि सभी निजी विद्यालय प्रबंधन को एक महीने में वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने, परमिट, बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट व फिटनेस प्रमाणपत्र रखना होगा, अन्यथा विद्यालय प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते हैं. सभी गाड़ियों को फेज वाइज सीएनजी में परिवर्तित किया जाये. उन्होंने कहा कि अभी 22 सीएनजी स्टेशन हैं. इसकी संख्या बढ़ा कर जून, 2023 तक 32 और मार्च, 2024 तक 50 किये जाने के लिए काम हो रहा है. इलेक्ट्रिक व्हेकिल चार्जिंग स्टेशन की भी पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. उन्होंने पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल नगर परिषद एवं फुलवारीशरीफ नगर परिषद के क्षेत्र की सीमा में 15 साल से अधिक पुराने सभी प्रकार के व्यावसायिक वाहनों के परिचालन पर कड़ाई से रोक लगाने का निर्देश दिया.
प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, वीएलटीडी व पैनिक बटन लगाना अनिवार्य
राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालय वाहनों के लिए निर्धारित मानकों का अनुपालन अनिवार्य है. स्कूलों में चलने वाली बस के अलावा लीज या भाड़ा वाली बसों को पीछे और सामने स्पष्ट रूप से ऑन स्कूल ड्यूटी लिखना होगा. स्पीड गवर्नर होने से अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा रहेगी. सभी वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, वीएलटीडी और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य है.
बच्चे ढोने वाले वाहनों को लिखना होगा स्कूल वैन
स्कूली बच्चों को ढोनेवाले छोटे वाहन ऑटो रिक्शा, मारुति ओमनी वैन, टाटा 407, टाटा एस, विंगर व अन्य वाहनों को बॉडी पर स्कूल वैन लिखना होगा. उन वाहनों को भी मानकों का पालन करना है.
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एक माह बाद मानकों की होगी समीक्षा
बैठक में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण एवं सड़क सुरक्षा के लिए सभी कार्य किये जा रहे हैं. एक महीने के बाद पुनः समीक्षा होगी. इसमें कार्रवाई का जायजा लिया जायेगा.बैठक में ट्रैफिक एसपी, आरटीए सचिव, पटना व दानापुर एसडीओ, अपर जिला दंडाधिकारी सामान्य,डीटीओ, , डीइओ सहित 50 निजी विद्यालयों के प्राचार्य/प्रबंधक उपस्थित थे.