अगले पांच माह में पटना में खुलेंगे 12 सीएनजी स्टेशन, भागलपुर में नवरात्र तक सीएनजी बिक्री शुरू होने की उम्मीद
2024 तक पटना और आसपास के इलाके में सीएनजी स्टेशन की संख्या 48 हो जायेगी. इसमें गेल इंडिया का भी सीएनजी स्टेशन शामिल है. गेल का स्टेशन गर्दनीबाग और ट्रांसपोर्ट नगर में होगा. आइओसी के आठ, बीपीसीएल के तीन और एचपीसीएल का एक पेट्रोल पंप शामिल है, जहां सीएनजी स्टेशन खुलेगा.
पटना. वित्तीय वर्ष 2023- 24 में पटना और आसपास के इलाके में नये 12 सीएनजी स्टेशन खुलेंगे. इसे लेकर गेल इंडिया ने तैयारी शुरू कर दी है. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. इस तरह वर्ष 2024 तक पटना और आसपास के इलाके में सीएनजी स्टेशन की संख्या 48 हो जायेगी. इसमें गेल इंडिया का भी सीएनजी स्टेशन शामिल है. गेल का स्टेशन गर्दनीबाग और ट्रांसपोर्ट नगर में होगा. मिली जानकारी के अनुसार इनमें आइओसी के आठ, बीपीसीएल के तीन और एचपीसीएल का एक पेट्रोल पंप शामिल है, जहां सीएनजी स्टेशन खुलेगा.
बिहार में बढ़ रही है सीएनजी की मांग
गेल इंडिया के मुख्य प्रबंधक एके सिन्हा ने बताया कि सीएनजी की मांग शहर और आसपास इलाके में लगातार बढ़ रही है. इसके कारण नये सीएनजी स्टेशन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नये वित्तीय वर्ष के दौरान 12 सीएनजी स्टेशन खोले जायेंगे. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जिन कंपनियों के पंप पर सीएनजी स्टेशन खोलना है. उनके साथ कई बैठकें हो चुकी हैं. इस वक्त पटना और आसपास इलाके में 25 सीएनजी स्टेशन के जरिये हर दिन 95 हजार किलो से अधिक सीएनजी की सप्लाइ हो रही है.
एक नजर में
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हाइवे सर्विसेज – दनियावां- बिहटा रोड
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हरि ओम अनिसाबाद- अनिसाबाद
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मां शरदा- पटना- औरंगाबाद हाइवे
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श्रीकृष्ण फ्यूलस – दानापुर स्टेशन – बिहटा रोड
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अपूर्वा पेट्रो सेल्स – कंकड़बाग
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जेवीएस सर्विसेज – एनएच- 22 (पुनपुन-पटना)
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दामयंत्री फ्यूल-पटना- गया रोड
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उमा सर्विसेज – अशोक राजपथ (गायघाट)
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सिंह सर्विसेज – जीरो माइल, पटना
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गैसोलिन सर्विसेज – आर ब्लॉक
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कोको गर्दनीबाग – गर्दनीबाग
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कोको ट्रांसपोर्ट नगर – ट्रांसपोर्ट नगर
बिहपुर और नवगछिया मेंखुलेगा सीएनजी स्टेशन
भागलपुर से मिली जानकारी के अनुसार इंडियन ऑयल अब बिहपुर व नवगछिया मेंभी सीएनजी स्टेशन खोलेगा, ताकि विक्रमशिला सेतु पर आ-जा रहे वाहनों को सहूलयित हो. इससे पहले भागलपुर और अकबरनगर में दो जगहों पर सीएनजी स्टेशन खोलने का निर्णय लिया जा चुका है. चार जगहों पर सीएनजी पंप चालू होने के बाद एनएच-80 और बायपास पर वाहन चालकों को परेशानी नहीं होगी. आईओसी के सहायक प्रबंधक आभास अग्रवाल ने बताया कि बिहपुर थाने के पास रेनू पेट्रोल पंप और नवगछिया जीरोमाइल के पास मां तारा पेट्रोल पंप में सीएनजी स्टेशन खोले जायेंगे. रेनू पेट्रोल पंप पर सीएनजी प्लांट का बेस तैयार होने लगा है. उसका पेसो सेलाइसेंस मिल चुका है. उन्होंने बताया कि जनवरी में सीएनजी मिलनी चालू हो जाएगी. इसी तरह नवगछिया में मां तारा पेट्रोल पंप पर अभी पेसो सेलाइसेंस मिलने के बाद काम शुरू कराया जाएगा. इसमें भी लगभग 6 माह के भीतर सीएनजी मिलनी शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि भागलपुर और अकबरनगर में सीएनजी बिक्री के लिए पटना से मंजूरी का इंतजार है. नवरात्र तक सीएनजी बिक्री शुरू होने की उम्मीद है.
सीएनजी पंप पर लग रही ऑटो की लंबी लाइन
मुजफ्फरपुर शहर में डीजल ऑटो पर प्रतिबंध के बाद सीएनजी ऑटो का परिचालन बढ़ गया है. वहीं सीएनजी के पंप पर ऑटो की लंबी कतार लग रही है. शहर से सटे क्षेत्र में आठ सीएनजी पंप हैं. सकरा में डिहुली, भिखनपुर, तुर्की, रजला, लदौरा, मड़वन में ये सीएनजी पंप हैं. इन पंप पर सीएनजी भराने के लिए 24 घंटे ऑटो की लाइन लगी रहती है. एक सीएनजी पंप पर कम से कम 100 से अधिक ऑटो की लंबी लाइन होती है. सीएनजी ऑटो चालक विकास ने बताया कि वह प्राय रात में पंप पर सीएनजी लेने पहुंचता है. दिन में वह शहर में ऑटो चलाता है. सीएनजी भराने के लिए शहर से चारों दिशाओं से उन्हें दस किमी दूर जाना होता है, जबकि सीएनजी स्टेशन शहर से सटा होना चाहिए. ऑटो संघ ने भी सीएनजी पंप की संख्या बढ़ाने और शहर से सटे क्षेत्र में इसे खोलने की मांग की है. महासचिव मो इलियास इलु ने बताया कि वे दिनभर ऑटो चलाते हैं और रात को सीएनजी भराने के लिए पंप पर लाइन में खड़ा रहते हैं.
अचानक सीएनजी ऑटो की बढ़ी डिमांड
डीजल ऑटो पर प्रतिबंध के बाद सीएनजी ऑटो की बिक्री बढ़ी है. बीते चार दिनों में करीब सवा सौ से अधिक सीएनजी ऑटो की डिमांड हुई है. वहीं ग्रामीण इलाकों में चल रहे सीएनजी ऑटो चालकों ने शहर की ओर से रुख किया है. इनमें से कई ऑटो चालकों ने डीजल ऑटो वालों से अदला-बदली भी की है. वहीं स्कूली बच्चों को लेकर चलने वाले ऑटो चालकों के पास संकट की स्थिति है. कई स्कूल संचालकों ने डीजल ऑटो चालकों को सीएनजी ऑटो लेने में खुद से पहल कर रहे हैं. क्योंकि उनके स्कूल में बच्चों की संख्या कम है और सभी जगह बस नहीं जा सकती है. ऐसे में उन स्कूलों में ऑटो के सहारे बच्चों का आना-जाना होता है.