Bihar Jamin Jamabandi: गलत जमाबंदियों की जांच नहीं कर पाएंगे DCLR, अब इन्हें मिली जिम्मेदारी

Bihar Jamin Jamabandi: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयतों की सुविधा के लिए बंद जमाबंदी लॉक-अनलॉक करने का अधिकार अंचलाधिकारियों को दे दिया है. इससे रैयतों के रुके हुए कामों में तेजी आएगी.

By Anand Shekhar | February 7, 2025 11:57 AM

Bihar Jamin Jamabandi: बिहार में जमाबंदी की वैधता की जांच या लॉक-अनलॉक करने की जिम्मेदारी अब भूमि सुधार उप समाहर्ता (DCLR) के पास नहीं रहेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब यह जिम्मेदारी अंचल अधिकारियों (CO) को दे दी है. डीसीएलआर के स्तर पर सुस्ती और लक्ष्य के अनुरूप प्रगति नहीं होने को देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है. इस संबंध में चकबंदी निदेशक की ओर से पत्र लिखकर सभी समाहर्ताओं को यह जानकारी दे दी गई है.

CO करेंगे अभिलेखों की जांच

पत्र के अनुसार, लॉक जमाबंदी में अगर सरकारी जमीन शामिल है, तो सीओ उसके अभिलेखों की जांच करेंगे. सरकारी जमीन पाए जाने पर संबंधित पक्ष को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. इसके बाद सरकारी जमीन पाए जाने पर जमाबंदी रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. जांच के क्रम में अगर जमीन सरकारी जमीन यानी रैयती पर्चा से अलग पाई गई, तो जमाबंदी अनलॉक कर दी जाएगी. साथ ही, मौजावार पोर्टल पर इसकी सूची भी देखी जा सकेगी.

CO को क्यों सौंपी गई जिम्मेदारी

दरअसल, विभागीय समीक्षा में पाया गया कि यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है, इसके बावजूद डिजिटलीकरण के दौरान छूटे जमाबंदी की वैधता की जांच और उसे लॉक-अनलॉक करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. विभागीय बैठकों में डीसीएलआर की ओर से बताया गया कि अंचलों द्वारा रैयती जमीन के जमाबंदी सुधार का साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण उन्हें निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है. इससे पहले भी चकबंदी निदेशक की ओर से सभी जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा गया था.

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क्या कहते हैं मंत्री

इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि करीब 9.65 लाख जमाबंदियां संदिग्ध पाई गई थीं. जिसके बाद जांच में तेजी लाने के लिए यह काम भूमि उप समाहर्ता से लेकर अंचलाधिकारियों को सौंप दिया गया है.

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