संवाददाता, पटना : जिला प्रशासन की टीम द्वारा बीते मंगलवार को कोचिंग संस्थान में किये गये औचक निरीक्षण का डर बुधवार को देखने को मिला. कदमकुआं, पीरबहोर, कंकड़बाग, बोरिंग रोड समेत अन्य इलाकों के कई कोचिंग संस्थानों के शटर गिरे रहे. जहां विद्यार्थियों भी भीड़ रहती थी, वहां बुधवार को बच्चों का क्लास बंद है कह कर लौटा दिया गया. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों ने बताया कि खान सर, रहमान सर समेत अन्य कोचिंग संस्थान भी बुधवार को बंद थे. बोरिंग रोड स्थित खान सर के क्लास में पढ़ने वाले छात्रों ने कहा कि जब क्लास करने पहुंचे, तो वहां के स्टाफ ने कहा कि आज क्लास बंद है. वहीं, खान सर ने कहा कि क्लास बंद नहीं था और न ही कोई सील की कार्रवाई की गयी है. रहमान सर से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनका मोबाइल नहीं लगा.
कमियां दूर नहीं हुईं, तो होगी कार्रवाई :
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक की गयी. इसमें एसएसपी राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर समेत सभी एसडीओ, डीइओ, सभी नगर कार्यपालक पदाधिकारी व अन्य भी उपस्थित थे. 50 से अधिक कोचिंग संचालक भी पहुंचे थे. वहीं, खान सर की जगह उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए. डीएम ने कहा कि कोचिंग के संचालन में सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है़ उन्होंने एक महीने में सारी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया. कहा- अगर समय सीमा के अंदर सारी कमियां दूर नहीं हुईं, तो आगे कार्रवाई की जायेगी.सात टीमें करती रहेंगी कोचिंग संस्थानों की जांच :
डीएम ने कहा कि जिलास्तर से बनी सात जांच दलों द्वारा कोचिंग की जांच जारी रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन ने किसी भी कोचिंग संस्थान को सील नहीं किया है. उन्हें फिलहाल एक महीने का समय दिया गया है. कोचिंग संस्थानों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है. प्रावधानों के अनुसार एक विद्यार्थी के लिए क्लासरूम में एक वर्गमीटर की जगह होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. अगर बच्चे ज्यादा हैं ,तो बैचों की संख्या बढ़ाएं.बगैर निबंधन के किसी भी कोचिंग संस्थान का संचालन न हो :
डीएम ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों के संचालन हेतु बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 लागू किया गया है. कोचिंग संस्थान के संचालन के लिए छात्र-छात्राओं के लिए संस्थानों में न्यूनतम आधारभूत सुविधा, (बेंच, डेस्क आदि), शिक्षकों की पर्याप्त संख्या, पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, अग्नि सुरक्षा, पार्किंग आदि होना अनिवार्य है. वहीं बगैर निबंधन के कोई भी कोचिंग संस्थान न तो स्थापित किया जायेगा और न ही चलाया जायेगा.रजिस्ट्रेशन के आवेदन वर्षों से हैं लंबित :
डीएम ने कहा कि कोचिंग संस्थानों का विधिवत निबंधन व नवीनीकरण कराना अनिवार्य है. डीइओ को निर्देश दिया गया है कि कोचिंग संस्थानों के निबंधन के लंबित आवेदनों को दो सप्ताह में निष्पादित कर फ्रेश आवेदनों को तय समय सीमा में निष्पादित किया जाये. कोचिंग संस्थानों ने कहा कि वर्षों से रजिस्ट्रेशन के आवेदन लंबित हैं.कोचिंग विलेज व सिटी निर्माण का सुझाव :
डीएम ने कहा कि पटना शहर का विस्तार हो रहा है. कोचिंग संचालकों को भी लांग टर्म प्लान करना चाहिए. भीड़-भाड़ वाले स्थानों से अलग आधुनिक मानकों के अनुसार कोचिंग सिटी/कोचिंग विलेज का निर्माण करना चाहिए. वहीं कोचिंग संचालकों ने बियाडा से जमीन देने और कोचिंग संस्थानों को उद्योग का दर्जा देने की मांग की.बेसमेंट व गैरेज में नहीं चलेंगे कोचिंग संस्थान :
शिक्षा विभाग ने भी कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. डीइओ संजय कुमार ने बताया कि जिले में बहुत सारे कोचिंग संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के चले रहे हैं, जो सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं. अब वही कोचिंग संस्थान संचालित होंगे, जिन्होंने जिला शिक्षा कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराया है. बिना रजिस्ट्रेशन वाले कोई कोचिंग संस्थान संचालित नहीं होंगे. भवन के बेसमेंट व गैरेज में कोचिंग संचालित करने पर रोक लगा दी गयी है. वर्तमान में जिले में 515 कोचिंग संस्थान रजिस्टर्ड हैं. 1100 कोचिंग संचालकों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है. आवेदन के आधार पर सभी कोचिंग संस्थानों की जांच की जायेगी.B
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