भागलपुर जिले में दिसंबर के पहले सप्ताह में शीतलहर का दौर शुरू हो गया है. शाम ढलते ही ठंडी पछिया हवा चलने के कारण ठिठुरन बढ़ गयी है. रात में लोग अब चादर की बजाय कंबल व रजायी का प्रयोग करने लगे हैं. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि इस बार समय से पहले शीतलहर का असर दिख रहा है. बीते 10 वर्षों के मौसमी ट्रेंड की बात करें तो 15 दिसंबर से जिले में कड़ाके की ठंड शुरू हो जाती है. इस बार 10 दिन पहले ही शीतलहर ने जिले में दस्तक दे दी है.
कंपकंपाती ठंड का सिलसिला 15 दिसंबर से अगले 15 जनवरी तक जारी रहती है. मकर संक्रांति के न्यूनतम तापमान अगले एक माह धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. जिले में मार्च के पहले सप्ताह तक ठंड का असर रहता है. वहीं अप्रैल के पहले सप्ताह से चिलचिलाती धूप व गर्मी का सिलसिला शुरू हो जाता है. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अमूमन जिले में ठंड का मौसम दिसंबर से फरवरी तक तीन माह तक रहता है. वहीं नवंबर व मार्च में हल्की ठंड रहती है.
बीते दो दिनों से शाम ढलते ही लोगों को कनकनी का एहसास हो रहा है. सोमवार सुबह के समय यही स्थिति रही. हालांकि धूप पूरी तरह खिलने के बाद लोगों को राहत मिल रही है. इधर, मौसम विभाग ने कहा है कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 8 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय तक पहुंचेगा. 8 से 10 दिसंबर के बीच पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है. इसके असर से पछिया हवा का तापमान और कम होगा. इससे बिहार के पूरे मैदानी इलके में ठंड अचानक बढ़ जायेगा.
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बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ एक बादलों का विशाल समूह है, जो कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में बारिश व बर्फबारी का कारण बनता है. नवंबर से लेकर फरवरी तक एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य एशिया की ओर से भारत के उत्तर पश्चिम राज्यों से होकर यूपी व बिहार तक असर दिखाता है.