नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के दौरान दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनाव कराने के लिए चुनाव प्रक्रिया में किये गये बदलावों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि इसके पर्याप्त अध्ययन के बाद भारत की परिस्थितियों के अनुकूल, व्यवस्था में बदलाव करने पर विचार किया जायेगा. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने पीटीआई को बताया कि दक्षिण कोरिया में चुनाव प्रक्रिया में किये गये बदलावों का चुनाव आयोग अध्ययन कर रहा है और इस तरह की महामारी की स्थिति में चुनाव कराने के लिए भारत की मौजूदा व्यवस्था में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप किये जानेवाले संभावित बदलावों पर विचार किया जायेगा.
उन्होंने कहा, ”दक्षिण कोरिया में चुनाव कराने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में किये गये बदलावों का हमारे निर्वाचन अधिकारी अध्ययन कर रहे हैं, जिससे इस प्रकार की परिस्थितियों में चुनाव कराने के लिए मौजूदा व्यवस्था में किये जानेवाले बदलावों पर विचार किया जा सके.” यह पूछे जाने पर कि कोरोना संकट जल्द समाप्त नहीं होने की स्थिति में निकट भविष्य में होनेवाले चुनाव पर क्या असर पड़ेगा, लवासा ने कहा, इस दिशा में जो भी उपाय करने होंगे, वे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा महकमे और अन्य संबद्ध पक्षकारों के साथ विचार विमर्श करके ही किये जायेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मौजूदा स्थिति कब तक बरकरार रहेगी.
उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति आगे भी जारी रही तो बेशक, मौजूदा प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे. लवासा ने कुछ महीनों बाद संभावित बिहार विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा, ”हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोरोना का भारत में चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर पड़ेगा.” उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल आगामी नवंबर में पूरा हो रहा है. वहीं, चुनाव आयोग को मार्च में राज्यसभा की 18 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव को कोरोना वायरस के कारण स्थगित करना पड़ा.
आयोग ने चुनाव की अभी नयी तारीख की घोषणा नहीं की है. इससे पहले पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत कह चुके हैं कि कोरोना वायरस का भविष्य में चुनाव पर कोई असर नहीं होगा. उनका कहना था कि इसके लिए व्यवस्था में बदलाव नहीं करने पड़ेंगे. वहीं, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने इस तरह की परिस्थितियों के चुनाव पर पड़ने वाले असर के आकलन के लिए चुनाव आयोग से एक कार्यबल के गठन का सुझाव दिया था.