ग्राम पंचायत व ग्राम कचहरियों के भ्रष्टाचार पर रोक लगायेंगे कमिश्नर, बिहार सरकार ने घोषित किया लोकप्रहरी
ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और ग्राम कचहरी की शिकायतों की सुनवाई पहले पंचायती राज विभाग में की जाती थी. अब विभाग ने कमिश्नर को यह अधिकार दे दिया है.
पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के साथ ही राज्य की ग्राम कचहरियों में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी प्रमंडलीय आयुक्त को सौंप दी है. राज्य के सभी प्रमंडलों के कमिश्नर को विभाग ने लोक प्रहरी घोषित कर दिया है. स्थानीय स्तर पर होने वाले किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या गड़बड़ी की सुनवाई करने का काम कमिश्नर द्वारा लोक प्रहरी के रूप में किया जायेगा.
पंचायती राज विभाग में पहले होती थी सुनवाई
पहले ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और ग्राम कचहरी की शिकायतों की सुनवाई पंचायती राज विभाग में की जाती थी. अब विभाग ने कमिश्नर को यह अधिकार दे दिया है. कमिश्नर की अनुशंसा के बाद ऐसे पंचायती राज के तहत काम करने वाली संस्थाओं पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जायेगी.
बिहार में हैं आठ हजार से अधिक ग्राम पंचायत
राज्य में आठ हजार से अधिक ग्राम पंचायतों, 533 पंचायत समितियों और 38 जिला परिषदों में सरकार द्वारा विकास मद में बड़े पैमाने पर राशि स्वीकृत की जा रही है. चाहे वह मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत मुख्यमंत्री पेयजल योजना, मुख्यमंत्री पक्की गली नाली योजना, केंद्र सरकार की मनरेगा योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं चलायी जाती हैं.
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लोगों को शिकायत करने के लिए अब नहीं आना होगा पटना
सरकार द्वारा लोगों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन पंचायती राज संस्थाओं पर है. कई बार इन संस्थाओं के खिलाफ नागरिकों द्वारा शिकायत की जाती थी. ऐसे में लोगों को राजधानी पटना पहुंचना होता था. अब इस प्रकार की शिकायतें प्रमंडलीय आयुक्त के पास की जा सकेंगी और उन पर सुनवाई भी वहीं पर होगी. साथ ही आयुक्त समय -समय पर इन योजनाओं की मॉनीटरिंग भी करेंगे.