बिहार के सभी विश्वविद्यालयों को अपने शैक्षणिक कैलेंडर का पालन कराना होगा. जिन विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं लंबित हैं. वहां 15 दिन के अंदर परीक्षा शुरू करानी होगी. ऐसी ही कई राय बिहार के विश्वविद्यालयों के सत्र को नियमित करने के लिए शिक्षा विभाग को सुझाव देने के लिए गठित की गयी उच्च स्तरीय समिति की बैठक में गुरुवार को सर्व सम्मति से सभी विशेषज्ञों ने रखी है.
सत्र नियमित करने के लिए रोड मैप तैयार
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर के सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सत्र को नियमित करने के लिए एक रोड मैप भी तैयार किया गया है. यह रोड मैप सुझाव के रूप में सरकार को शुक्रवार को सौंपा जायेगा. बैठक में विशेष रूप से मगध विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने आश्वस्त किया कि एक माह के अंदर परीक्षा करा ली जायेंगी.
बैठक में ये सदस्य रहे उपस्थित
बैठक में मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर के वर्मा, परिषद के सदस्य प्रो रामबली चंद्रवंशी, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर बबन सिंह, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हबीबुल्लाह अंसारी और इंजीनियर विनोद कुमार एवं अन्य समिति सदस्य उपस्थित रहे.
समिति द्वारा दिए गए सुझाव
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इंटर की कक्षाओं को विश्वविद्यालयों से अलग किया जाए, ताकि विश्वविद्यालयों के जवाबदेह लोग अपने एकेडमिक सत्र और परीक्षा कैलेंडर पर गंभीरता से काम कर सकें.
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न केवल परीक्षा समय पर कराने की जरूरत है, बल्कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी समय पर कराना जरूरी है.
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विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में गैप के दिन कम करने होंगे. ताकि परीक्षा सही समय पर निबटाया जा सके.
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