पटना : बिहार की औद्योगिक नीति की प्राथमिकता वाले सेक्टर में इ- रिक्शा और कृषि उपकरणों के उद्यमों को भी शामिल किया जा रहा है. उद्याेग विभाग ने इसे औपचारिक मंजूरी दे दी है. जल्दी ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए इसे भेजा जायेगा. उद्योग विभाग ने इस मामले में जरूरी प्रस्ताव तैयार करा लिया है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार अब तक ये दोनों क्षेत्र उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में शामिल नहीं थे.
इ-रिक्शा और कृषि उपकरण निर्माता उद्यमों के अलावा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र में पर्यावरण, वन और जलवायु के अनुकूल उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित करने पर अनुदान और दूसरी तरह की छूटें दी जायेंगी. प्राथमिकता वाले सेक्टर के उद्यमों को सरकार नियमानुसार जमीन भी उपलब्ध करायेगी.
बदलाव की वजह: इस बदलाव की पीछे जल- जीवन- हरियाली को प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा कृषि उपकरणों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. वर्तमान में प्रदेश की जरूरत के लिए कृषि यंत्रों की उपलब्धता पंजाब,हरियाणा और उत्तरप्रदेश के उद्यमों से होती है. इससे किसानों की अच्छी-खासी पूंजी बाहर चली जाती है.
दूसरे, इ- रिक्शा उत्पादन को बढ़ावा देकर सरकार बिहार में खासतौर पर शहरी प्रदूषण को दूर करने की मंशा रखे हुए है.उल्लेखनीय है कि अब तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति की उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा, टेक्सटाइल,आइटी आदि थे. वहीं, प्राथमिकता वाले सेक्टर में प्लास्टिक,रबर, पर्यटन, हेल्थ केयर, नवीकरण ऊर्जा, तकनीकी शिक्षा , छोटी मशीन उत्पादन इकाई आदि शामिल थे.