बिहार के नगर निकायों में लग चुकी हैं 5 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटें, पर कंपनी को नहीं मिले 130 करोड़ रुपये
निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने के एवज में इइएसएल को किया जाने वाला करीब 130 करोड़ रुपये का भुगतान लंबे समय से लंबित है. सूबे में सबसे अधिक करीब 82 हजार स्ट्रीट लाइट पटना नगर निगम में लगी हैं. सबसे अधिक 40 करोड़ रुपये का भुगतान भी यही फंसा है.
पटना. बिहार के नगर निकायों में एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर राज्य सरकार ने भारत सरकार की एजेंसी इइएसएल (इनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड) के साथ समझौता किया है. यह कंपनी निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने के साथ ही सात वर्षों तक उसके मेंटेनेंस का काम संभाल रही है. लेकिन, निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने के एवज में इइएसएल को किया जाने वाला करीब 130 करोड़ रुपये का भुगतान लंबे समय से लंबित है. सूबे में सबसे अधिक करीब 82 हजार स्ट्रीट लाइट पटना नगर निगम में लगी हैं. सबसे अधिक 40 करोड़ रुपये का भुगतान भी यही फंसा है.
कई बड़े शहरों पर करोड़ों रुपये का बकाया
विभागीय सूत्रों के मुताबिक कई बड़े शहरों पर करोड़ों रुपये का बकाया है. इसमें भागलपुर में करीब आठ करोड़, मुजफ्फरपुर में सात करोड़, गया में पांच करोड़ व समस्तीपुर में चार करोड़ रुपये आदि का बकाया शामिल है. इस संबंध में कंपनी के स्तर पर कई बार निकायों को सूचना दी गयी, पर अब तक भुगतान नहीं हो सका है.
Also Read: बिहार में स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का तीसरा चरण जनवरी में शुरू होने की उम्मीद, आयेगी केंद्रीय टीम
अब तक 5.5 लाख एलइडी स्ट्रीट लगायी गयीं
अधिकारियों के मुताबिक पहले से चयनित नगर निकायों में लक्ष्य के मुताबिक करीब 5.5 लाख एलइडी स्ट्रीट लगायी जा चुकी हैं. फिलहाल एजेंसी इसके मेंटेनेंस का काम देख रही है. पटना नगर निगम के अलावा जिले के दानापुर में 13 हजार, मनेर में 6700, फतुहा में 5200, मसौढ़ी में 3600, बिक्रम में 2700 स्ट्रीट लाइट लगी हैं. वैशाली में करीब 8500 स्ट्रीट लाइट लगायी गयी हैं. समझौता लागू होने के बाद सूबे में करीब 120 नये नगर निकाय बने हैं. ऐसे में नगर निकाय चुनाव के बाद इन निकायों में भी स्ट्रीट लाइट लगायी जायेंगी. इसके लिए गठित नगर सरकार अपने क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर प्रस्ताव भेजेगी.