गन्ना उद्याेग विभाग ने बाढ़ से नुकसान उठाने वाले किसानों को बतौर क्षतिपूर्ति 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर देने का निर्णय लिया है. इस संदर्भ में किसानों के पंजीयन की कवायद सोमवार से शुरू कर दी गयी है. खुद किसानों को अपने क्षतिग्रस्त रकबे का फोटो और अपना बैंक अकाउंट भी अपने पंजीयन के साथ पोर्टल पर अपलोड करना है.
गन्ना उद्याेग मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि सरकार गन्ना किसानों के साथ खड़ी है.गन्ना उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य में 48781.40 हेक्टेयर में खड़ी गन्ने की खेती बर्बाद हुई है. किसानों को 8780.65 लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति किसानों को दी जानी है. विभाग ने पंजीयन और मुआवजा वितरण में पारदर्शिता के लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया है.
समस्तीपुर के 18 प्रखंडों की 381 पंचायतों में गन्ने की फसल प्रभावित है. पश्चिमी चंपारण के भी 18 प्रखंडों की 315 पंचायतों में गन्ने की खेती प्रभावित हुई है. बेगूसराय के 13 प्रखंडों के 103 गांवों में गन्ना बर्बाद हुआ. पूर्वी चंपारण के 20 प्रखंडों की 186 पंचायतों में गन्ना की खेती प्रभावित हुई है. बक्सर के आठ प्रखंडों की 59 पंचायतों में फसल प्रभावित हुई. गोपालगंज के दो प्रखंडों की दस पंचायतों में फसल प्रभावित हुई है.
गन्ना उद्योग मंत्री ने बताया कि सीतामढ़ी स्थित रीगा चीनी मिल की परिसंपत्ति का आकलन किया जा रहा है. इसकी परिसंपत्ति बेच कर गन्ना किसानों,मजदूरों एवं बैंक संबंधी उसकी देयताओं को चुकाया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जरूरी आदेश जारी कर दिये गये हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan