-स्कूली बच्चे प्रतिदिन शिक्षा विभाग के पोर्टल और टॉल फ्री नंबर पर कर रहे शिकायत
– किसी ने शिक्षकों द्वारा क्लास में नहीं पढ़ाने, तो किसी ने मध्याह्न भोजन में अंडा नहीं देने की शिकायत की
– एक माह में 100 से अधिक मिली शिकायतें, कार्रवाई के लिये दिया निर्देश
संवाददाता, पटना
शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किये गये कोषांग में अभिभावक और शिक्षक स्कूलों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर शिकायत तो दर्ज करा ही रहे हैं. इसके साथ ही स्कूली बच्चे भी अपनी समस्याओं को लेकर प्रतिदिन विभिन्न शिकायत दर्ज करा रहे हैं. शिक्षा विभाग ने आम लोगों को समस्या से जुड़ी शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और टॉल फ्री नंबर- 14417, 18003454417 जारी किया है. इन नंबरों पर शिक्षक व अभिभावक से अधिक स्कूली बच्चे शिकायत कर रहे हैं. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले में स्थित उत्क्रमित विद्यालय केवल बिघा के बच्चों ने शिकायत की है कि स्कूल में मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं परोसा जा रहा है. वहीं, हदयापुर सैदपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने शिकायत की है कि स्कूल की एक शिक्षिका अक्सर उपस्थिति बनाकर घर चली जाती हैं. वहीं उत्क्रमित माध्यमिक दहुआर बाढ़ के बच्चों ने शिकायत की है कि स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. इसी तरह बिहटा के एमएस तारानगर के बारे में किसी ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि स्कूल में विकास की राशि का उपयोग मरम्मत में न करके प्रधानाध्यापक और सचिव द्वारा गबन किया जाता है. वहीं प्राथमिक स्कूल गोविंदपुर टोला, खुसरूपुर के बारे में बच्चों ने शिकायत की है कि यहां मेन्यू के अनुसार खाना नहीं दिया जाता है. इसके अलावा प्राथमिक स्कूल, चैनपुर, पंडारक के छात्रों ने आरोप लगाया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं दिया जाता है, दाल में पानी की अत्यधिक मात्रा रहती है. शिक्षा विभाग को अगस्त से सितंबर माह में इस तरह के 100 से अधिक शिकायतें मिली हैं. इन सभी शिकायतों को निबटाने व कार्रवाई करने के लिए विभाग ने जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र भेज दिया है.कोट : शिकायत सही पाये जाने पर होगी कार्रवाई
कोषांग और टॉल फ्री के माध्यम से जो भी शिकायतें मिली हैं, उन सभी की जांच के लिए संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है. जांच में शिकायतें सही पाये जाने पर संबंधित प्रधानाध्यापक व शिक्षक पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि जितनी भी शिकायतें एक महीने में आयी हैं, उनका निबटारा 15 दिनों में जांच के बाद किया जाता है.– संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटनाB
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