जमीन की जमाबंदियों में अब भी मिल रहीं गड़बड़ी की शिकायतें
राज्य में जमीन की जमाबंदियों में गड़बड़ी की शिकायतें अब भी आ रही हैं. इससे आम आदमी परेशान है.
संवाददाता, पटना राज्य में जमीन की जमाबंदियों में गड़बड़ी की शिकायतें अब भी आ रही हैं. इससे आम आदमी परेशान है. पहले जिन जमाबंदियों में गड़बड़ी हुई है, उनमें अब तक सुधार नहीं हुआ है और ना ही दोषियों पर कार्रवाई हुई है. फिलहाल जमाबंदी पंजी की ऑनलाइन अनुपलब्धता के कारण रैयतों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दिनों भारी संख्या में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमाबंदियों के सुधार के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया था. करीब एक महीने बीत जाने के बावजूद इस दिशा में अच्छी प्रगति नहीं हुई है. सूत्रों के अनुसार विभाग की तरफ से राजस्व पदाधिकारियों और कर्मचारियों को छूटी हुई पंजी-2 की स्कैनिंग का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर छूटे हुए अंचलों में से जमाबंदी पंजी को जिला अभिलेखागार में लाकर स्कैनिंग का काम करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही फिलहाल 36 प्रकार के राजस्व अभिलेखों को डिजिटाइज एवं स्कैन करने का काम चल रहा है. इनमें खतियान और पंजी-2 की प्रति शामिल है. भू-अभिलेख पाेर्टल पर अपलोड डाटा या इमेज की गुणवत्ता जांच की जिम्मेदारी संबंधित अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, भू-अर्जन कार्यालय और अपर समाहर्ता कार्यालय की है. इन सभी दस्तावेजों को भू-अभिलेख पोर्टल से जाकर फ्री में देखा जा सकता है और मामूली शुल्क देकर डाउनलोड किया जा सकता है. पंजी-2 के पन्नों को स्कैन करने और स्कैन पन्नों को सत्यापित करने का निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से सभी जिले के समाहर्ताओं को पत्र भेजकर पंजी-2 के पन्नों को स्कैन करने और स्कैन पन्नों को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद ही करीब 36 प्रकार के राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन की जा रही है. इससे दस्तावेजों को नष्ट होने से बचाकर संरक्षित किया जा सकेगा. साथ ही मामूली शुल्क पर लोगों को दस्तावेज आसानी से उपलब्ध कराये जा सकेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है