Bihar News: 43 साल बाद बिहार को फिर मिला बड़ा मौका, इस दिन पटना में होगा पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन
Bihar News : बिहार में तीसरी बार पीठासीन अधिकारी सम्मेलन होने जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विधानसभा भवन में यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले बिहार में 1964 और 1982 में भी यह सम्मेलन हो चुका है.
Bihar News: बिहार विधानसभा 43 साल बाद एक बार फिर अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का मेजबान बनने जा रही है. 20 और 21 जनवरी को पटना में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में देश के 28 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 6 विधानसभा परिषद के सभापति और केंद्र शासित प्रदेशों के स्पीकर सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
इस विषय पर होगी चर्चा
इस सम्मेलन में संविधान की 75 वर्षों की यात्रा का सम्मान किया जाएगा और इसके मूल्यों को मजबूत करने में संसद और विधानसभाओं की भूमिका पर चर्चा की जाएगी. इस सम्मेलन का विषय लोकसभा द्वारा तय किया गया है. जो है ‘संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में संसद और राज्य विधानसभाओं का योगदान’.
कौन-कौन होगा शामिल?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे. राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित होंगे. इस कार्यक्रम में कुल 264 अतिथि शामिल होंगे, जिसमें 54 पीठासीन अधिकारी, 60 लोकसभा सदस्य और 7 राज्यसभा सदस्य शामिल होंगे. गोवा और दिल्ली के प्रतिनिधि इस बार अनुपस्थित रहेंगे.
कार्यक्रम का शेड्यूल
- 20 जनवरी: उद्घाटन सत्र दोपहर 12 बजे विधानसभा के सेंट्रल हॉल में होगा. दोपहर 2 बजे से पहला सत्र शुरू होगा, जिसमें जानकारी का आदान-प्रदान किया जाएगा.
- 21 जनवरी: दूसरे दिन का सत्र सुबह 10 बजे शुरू होगा. समापन सत्र के बाद सभी अतिथि पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे.
इतिहास दोहराएगा बिहार
बिहार में यह सम्मेलन तीसरी बार होने जा रहा है. इससे पहले 1964 और 1982 में यह आयोजन हुआ था. 1982 में राधा नंदन झा के नेतृत्व में बिहार ने इसकी मेजबानी की थी.
विशेष तैयारियां
इस सम्मेलन के लिए बिहार विधानसभा और विधान परिषद को दुल्हन की तरह सजाया गया है. सभी अतिथियों के लिए पटना के प्रमुख होटलों और अतिथि शालाओं में ठहरने की व्यवस्था की गई है. सम्मेलन के बाद अतिथि हरि मंदिर साहिब गुरुद्वारा, बापू टावर, सभ्यता द्वार, और बिहार संग्रहालय का भ्रमण करेंगे.
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