कांग्रेस सरकारों ने बिहार की बाढ़ समस्या को कभी गंभीरता से नहीं लिया : सम्राट चौधरी
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नेपाल से आने वाले लाखों क्यूसेक वर्षा जल से हर साल उत्तर बिहार की नदियों में आने वाली भीषण बाढ़ की समस्या को कांग्रेस की सरकारों ने कभी गंभीरता से नहीं लिया. जबकि पहले अटल बिहारी वाजपेयी और अब नरेंद्र मोदी की सरकार ने बाढ़-नियंत्रण और जल प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता दी.
सूरत में वर्षा जल संचयन पर कार्यक्रम में शामिल हुए डिप्टी सीएम संवाददाता, पटना उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नेपाल से आने वाले लाखों क्यूसेक वर्षा जल से हर साल उत्तर बिहार की नदियों में आने वाली भीषण बाढ़ की समस्या को कांग्रेस की सरकारों ने कभी गंभीरता से नहीं लिया. जबकि पहले अटल बिहारी वाजपेयी और अब नरेंद्र मोदी की सरकार ने बाढ़-नियंत्रण और जल प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता दी. उन्होंने बाढ़ सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का आभार प्रकट किया. गुजरात के सूरत में वर्षा जल संचयन पर आयोजित जल संचयन-जन भागीदारी कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बिहार ऐसा राज्य है, जिसके 21 जिले बाढ़ग्रस्त होते हैं, तो 17 जिलों में सूखे का सामना करना पड़ता है. पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की योजना पर काम करने की शुरुआत की थी, ताकि बाढ़ और सूखे की समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार से गुजरने वाली गंगा के जल का उचित प्रबंधन कर एक मॉडल पेश किया, जिससे आज गंगा जल मोक्षधाम गया, नवादा और राजगीर को भी मिलने लगा है. उन्होंने गुजरात की सिंचाई योजनाओं में बिहार के हजारों लोगों के योगदान को सराहनीय बताया. सूरत के जल भागीदारी कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल शर्मा ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है